सदन में हंगामा सरकार ने कहा बालू पर विशेष बहस करायेंगे

रांची: विधानसभा में मंगलवार को बालू के मुद्दे पर विपक्ष गरम रहा. भाजपा विधायकों ने बालू पर सरकार से अपनी नीति स्पष्ट करने की मांग को लेकर सदन में हंगामा किया. नारे लगाये. कई विधायक वेल में धरना पर बैठ गये. इसके चलते सदन की कार्यवाही 20 मिनट तक रोकनी पड़ी. बाद में सरकार की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2013 7:16 AM

रांची: विधानसभा में मंगलवार को बालू के मुद्दे पर विपक्ष गरम रहा. भाजपा विधायकों ने बालू पर सरकार से अपनी नीति स्पष्ट करने की मांग को लेकर सदन में हंगामा किया. नारे लगाये. कई विधायक वेल में धरना पर बैठ गये. इसके चलते सदन की कार्यवाही 20 मिनट तक रोकनी पड़ी. बाद में सरकार की ओर से ऊर्जा व स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र सिंह ने आश्वासन दिया कि बालू के मुद्दे पर सदन में विशेष बहस करायी जायेगी. बहस के स्वरूप पर कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में निर्णय होगा.

स्पीकर का आग्रह ठुकराया : इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होने के 10 मिनट बाद ही भाजपा विधायकों ने बालू का मुद्दा उठाया. प्रश्नकाल बाधित नहीं करने का स्पीकर का आग्रह ठुकरा दिया. सरकार से नीति स्पष्ट करने की मांग को लेकर नारे लगाने लगे. कईविधायक वेल में आकर बैठ गये. आसन द्वारा अपनी सीट पर वापस जाने की बात नहीं मानी. 10 मिनट तक हंगामा चलता रहा. स्पीकर ने कार्यवाही स्थगित कर दी. 11.30 बजे दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई.

झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि बालू पर स्थिति स्पष्ट नहीं होने से लाखों लोग बेरोजगार हो गये हैं. भाकपा माले के विनोद सिंह ने कहा कि सरकार पंचायतों को किस नियम के तहत बालू पर अधिकार देगी, यह स्पष्ट नहीं है. भाजपा के सीपी सिंह ने कहा कि बालू आम लोगों से जुड़ा मामला है. यह केवल बीजेपी का मुद्दा नहीं है. सभी दलों के नेताओं ने समय-समय पर बाहरी लोगों को बालू देने का विरोध किया है. सरकार को यह सुनिश्चित कराना चाहिए कि जल्द से जल्द बालू का उठाव होने लगे.

किसने क्या कहा
-बहस के स्वरूप पर कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में निर्णय होगा : राजेंद्र सिंह

सरकार को सुनिश्चित कराना चाहिए कि जल्द से जल्द बालू का उठाव होने लगे : सीपी सिंह

बालू पर स्थिति स्पष्ट नहीं होने से लाखों लोग बेरोजगार हो गये हैं : प्रदीप यादव

सरकार पंचायतों को किस नियम के तहत बालू पर अधिकार देगी, यह स्पष्ट नहीं : विनोद सिंह

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