जमशेदपुर: पटना में गत 27 अक्तूबर को नरेंद्र मोदी की रैली में हुए ब्लास्ट के तार रांची के साथ मध्यप्रदेश के आतंकी सरगना डॉ अबू फैजल से भी जुड़ने लगे हैं. गत मंगलवार को अबू फैजल की मध्य प्रदेश से गिरफ्तारी के बाद इसका खुलासा हुआ. एसटीएफ की पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि अबू फैजल एक अक्तूबर को खंडवा जेल से भागने के बाद रांची पहुंचा था और पटना विस्फोट के अभियुक्त हैदर से मिला था.
पूछताछ में उससे झारखंड के साथ ओड़िशा के संबलपुर एवं झारसुगुड़ा में लिंक होने की बात सामने आयी है. झारसुगुड़ा के एक बैंक से सवा लाख रुपये की लूट की बात भी सामने आयी है. बताया जाता है कि मुंबई निवासी इंडियन मुजाहिद्दीन के सदस्य अबू फैजल का संपर्क पाकिस्तान में सक्रिय तहरीक-ए- तालिबान से भी है. एक अक्तूबर को खंडवा जेल से चार साथियों के साथ फरार अबू फैजल को मंगलवार को एमपी एसटीएफ ने एमपी के बड़वानी जिले के सेंधवा के नवलपुरा गांव के नजदीक पहाड़ी से दो साथियों इरफान नागौरी एवं खालिद अहमद के साथ गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के वक्त उनके पास से तीन पिस्तौल और बाद में भारी मात्र में विस्फोटक बरामद किये गये थे.
जमशेदपुर में दो माह तक रहा था अबू फैजल
अबू को पांच जून 2011 को भोपाल पुलिस ने इकरार शेख समेत छह साथियों के साथ गिरफ्तार किया था. पूछताछ में उसने बताया था कि भोपाल के मण्णापुरम गोल्ड कंपनी से साढ़े छह किलो सोना लूटने के बाद रांची के युवकों के सहयोग से इकरार शेख के साथ वह जमशेदपुर गया था. जमशेदपुर के जाकिर नगर रोड नंबर-13 में उसने दो मंजिला मकान खरीदा और लगभग दो माह तक रहा. इस दौरान इकरार शेख ने गैस कनेक्शन लिया था और परिवहन कार्यालय से लर्निग ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया था. इस जानकारी के आधार पर सात जून 2011 को एमपी एसटीएफ ने अबू फैजल एवं इकरार शेख को लेकर जाकिर नगर स्थित घर में छापेमारी की थी. घर से साढ़े तीन किलो सोने की बरामदगी हुई थी.
खंडवा जेल से फरार होने के बाद अबु फैजल रांची गया था. वहां वह हैदर से मिला था. अबू फैजल पटना ब्लास्ट में शामिल था या नहीं, इसकी जांच चल रही है.
संजीव सामी,आइजी
एसटीएफ,मध्य प्रदेश