झारखंड: मंत्रिमंडल का फैसला, बिजली बोर्ड के बंटवारे पर मुहर

रांची: सरकार ने झारखंड राज्य बिजली बोर्ड (जेएसइबी) के बंटवारे पर अपनी सहमति दे दी. सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसका निर्णय लिया गया. बिजली बोर्ड को चार हिस्सों में होल्डिंग कंपनी , झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड, झारखंड ऊर्जा उत्पादन निगम लिमिटेड व झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड में बांटा जायेगा. बंटवारे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 31, 2013 7:51 AM

रांची: सरकार ने झारखंड राज्य बिजली बोर्ड (जेएसइबी) के बंटवारे पर अपनी सहमति दे दी. सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसका निर्णय लिया गया. बिजली बोर्ड को चार हिस्सों में होल्डिंग कंपनी , झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड, झारखंड ऊर्जा उत्पादन निगम लिमिटेड व झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड में बांटा जायेगा. बंटवारे से इन कंपनियों में 10 हजार लोगों की नियुक्ति की संभावना है.

केंद्र सरकार के फाइनेंसियल री-स्ट्रक्चरिंग पैकेज (एफआरपी) के तहत बंटवारा मद में 4400 करोड़ रुपये मिलेंगे. इनमें 50 फीसदी (2200 करोड़) बैंक से कर्ज के रूप में दिया जायेगा. शेष 50 फीसदी (2200 करोड़) के लिए राज्य सरकार बांड जारी करेगी. बांड जारी होते ही केंद्र सरकार से 1100 करोड़ अनुदान के रूप में मिलेंगे. बोर्ड पर फिलहाल 4400 करोड़ रुपये की देनदारी है. पैकेज की राशि में से 2500 करोड़ रुपये डीवीसी को बकाया के रूप में दिया जायेगा. 1500 करोड़ टीवीएनएल को विस्तारीकरण योजना के लिए दिया जायेगा.

परिसंपत्ति बंटवारा : बंटवारे के बाद बनी चारों कंपनियां शून्य देनदारी (जीरो लाइबलिटी) से शुरू होंगी. तीन से चार महीने में इन कंपनियों के बीच बिजली बोर्ड की परिसंपत्तियों का बंटवारा कर दिया जायेगा. परिसंपत्तियों के बंटवारे के लिए अधिकतम समय सीमा एक वर्ष है.

अन्य फैसले
टेक्नीकल यूनिवर्सिटी अधिनियम में राष्ट्रपति के निर्देश के अनुसार धारा 45 में संशोधन की स्वीकृति. इससे राज्य के सिविल कोर्ट, टेक्नीकल यूनिवर्सिटी से जुड़े कानूनी विवाद की सुनवाई कर सकेंगे. इस संशोधन को स्वीकृति के लिए राष्ट्रपति को भेजा जायेगा.

कृषि सेवा नियमावली 2013 मंजूर

सैप की बटालियन को 31.05.2014 तक विस्तार

टाइगर फाउंडेशन नियमावली मंजूर

मेडिकल, हेल्थ, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को निर्माण कार्यो में एजेंसी चार्ज में सात प्रतिशत और दूसरे कार्य में पांच प्रतिशत देने का निर्णय.

भैरवा जलाशय योजना के लिए 118.30 करोड़ की तृतीय पुनरीक्षित प्राक्कलन की स्वीकृति

झारखंड आकस्मिकता निधि को 150 से बढ़ा कर 300 करोड़ करने की स्वीकृति

आर्थिक सव्रेक्षण 2012-13 और मिड टर्म फिजकल रेस्पॉंसिबलिटी प्लान की घटनोत्तर स्वीकृति

कर्मचारियों के लिए
वर्तमान में बिजली बोर्ड में कार्यरत सभी कर्मचारी की सेवा नयी कंपनियों में देने के बाद भी उनकी सेवा शर्तो में किसी तरह की तब्दीली नहीं होगी. अगर किसी तरह की तब्दीली होगी, तो वह वर्तमान सेवा शर्त से बेहतर होगी. नयी कंपनियां किसी कारणवश घाटे में चली गयी, तो कर्मचारियों की पेंशन सहित अन्य देनदारियों की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी. देश के किसी भी राज्य में बिजली बोर्ड के बंटवारे में यह शर्त शामिल नहीं किया गया है. नयी कंपनियों को मुनाफे में लाने के लिए वर्ल्ड बैंक मदद करेगा.

डॉ विजय शंकर बरखास्त
हजारीबाग नगरपालिका के तत्कालीन विशेष कार्य पदाधिकारी डॉ विजय शंकर नारायण सिंह बरखास्त किये गये. सरकार ने यह कार्रवाई हजारीबाग नगरपालिका में उनके पदस्थापन के दौरान की गयी विभिन्न प्रकार की गड़बड़ियों की वजह से की है.

सीओ ब्रजशंकर को दंड
शिकारीपाड़ा के पूर्व अंचलाधिकारी ब्रजशंकर प्रसाद को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देते हुए उनकी पेंशन से 30 प्रतिशत की कटौती करने का फैसला किया गया है. उन पर अंचलाधिकारी की हैसियत से काम गड़बड़ी करने का आरोप है.

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