रांची: रांची नगर निगम के 39 पार्षदों ने मंगलवार को नगर निगम सीइओ को पत्र लिख कर शहर की सफाई व्यवस्था का काम एक जनवरी से चयनित सभी सात एनजीओ को सौंपने का आग्रह किया है. इनमें 17 पार्षद ऐसे हैं, जो पूर्व में एनजीओ को सफाई व्यवस्था का काम देने के खिलाफ थे. इन 17 पार्षदों ने सोमवार को नगर निगम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया था. धरने के बाद इन पार्षदों ने राज्यपाल को हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन भी सौंपा था. मांग थी कि पूर्व में एटूजेड कंपनी मात्र 75 से 80 लाख रुपये में सफाई व्यवस्था का काम देखती थी. पर उसे हटा कर सात एनजीओ को दोगुनी राशि (1.72 करोड़) में काम क्यों दिया गया. पर अब इन 17 पार्षदों के सुर बदल गये हैं.
डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने इन्हें कोकर स्थित अपने आवास पर सोमवार रात लिट्टी पार्टी में बुलाया था. इस पार्टी का असर ऐसा हुआ कि ये सभी चयनित सात एनजीओ को तत्काल काम देने पर राजी हो गये. पार्टी का खुमार दूर होने से पहले ही नगर निगम के सीइओ को इससे संबंधित पत्र भी लिख दिया.
पार्षद ने ही उठाये सवाल
वार्ड नंबर 30 के पार्षद ओम प्रकाश ने आरोप लगाया है, कहा : सोमवार रात को हुई लिट्टी पार्टी ने अपना रंग दिखा दिया. कोकर में डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय के आवास पर लिट्टी खाने के बाद 17 पार्षद एनजीओ के पक्ष में उतर गये. उन्होंने सवाल उठाया, अब लिट्टी खाने के बहाने क्या-क्या डील हुई है, यह तो वही पार्षद ही बतायेंगे, जो पहले एनजीओ का विरोध कर रहे थे.
‘‘सफाई व्यवस्था को लेकर सोमवार रात मेरे कोकर स्थित आवास पर पार्षदों की बैठक हुई थी. व्यवस्था सुधारने को लेकर चर्चा की गयी थी. डिप्टी मेयर होने के नाते मैंने सभी पार्षदों को बैठक में बुलाया था.
संजीव विजयवर्गीय, डिप्टी मेयर, रांची
अब क्या लिखा है पत्र में|
पार्षदों ने पत्र में लिखा है कि एक जनवरी से कंपनी एटूजेड काम करना बंद कर देगी. इसलिए बेहतर होगा कि जल्द से जल्द चयनित सात एनजीओ से एकरारनामा किया जाये. उन्हें कार्य करने का आदेश जारी किया जाये. एनजीओ को कार्य नहीं सौंपे जाने से शहर की सफाई व्यवस्था चौपट हो जायेगी. पूरा शहर कूड़े के ढेर पर नजर आयेगा.