झारखंड विद्युत बोर्ड का अस्तित्व समाप्त स्वतंत्र काम करेंगी कंपनियां
रांची: दो जनवरी से झारखंड राज्य विद्युत बोर्ड का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा. बिजली बोर्ड का विखंडन कर चार कंपनियां बना दी गयी हैं. ये चारों कंपनियां दो जनवरी से कार्यरत हो जायेंगी. सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को बिजली बोर्ड के बंटवारे की अधिसूचना राज्य सरकार जारी कर देगी. कैबिनेट से मंजूरी मिल गयी […]
रांची: दो जनवरी से झारखंड राज्य विद्युत बोर्ड का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा. बिजली बोर्ड का विखंडन कर चार कंपनियां बना दी गयी हैं. ये चारों कंपनियां दो जनवरी से कार्यरत हो जायेंगी. सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को बिजली बोर्ड के बंटवारे की अधिसूचना राज्य सरकार जारी कर देगी. कैबिनेट से मंजूरी मिल गयी है. बिजली बोर्ड को बांट कर संचरण, उत्पादन, वितरण और होल्डिंग कंपनी बनायी गयी हैं.
मुख्यालय में ही होगा कार्यालय
बताया गया कि बिजली बोर्ड के मुख्यालय में ही चारों कंपनियों का कार्यालय होगा. इसके लिए व्यवस्था की जा रही है. इस समय बिजली बोर्ड का कार्यालय दो माले की है. बताया गया कि ग्राउंड फ्लोर से लेकर दूसरे माले में अलग-अलग वितरण, संचरण और उत्पादन कंपनी का कार्यालय होगा. होल्डिंग कंपनी का कार्यालय भी ग्राउंड फ्लोर पर होगा.
झारखंड ऊर्जा विकास निगम लि (जेयूवीएनएल)
एमडी : एसएन वर्मा
निदेशक मंडल : विमल कीर्ति सिंह, सुखदेव सिंह, वीएस गौड़, केके सोन, आलोक शरण, सीडी कुमार, सुधांशु कुमार, बीएस झा.
क्या होगा काम : उत्पादन, वितरण और संचरण के बीच सामंजस्य स्थापित करने का काम होल्डिंग कंपनी करेगी. जेएसइबी को जो अधिकार आज प्राप्त है, कमोबेश यही अधिकार होल्डिंग कंपनी के पास होगा. सरकुलर, अधिसूचना आदि जारी करने का अधिकार इस कंपनी के पास है. कंपनी तीनों कंपनियों में निवेश भी कर सकती है. तीनों कंपनियों के बीच किसी प्रकार का विवाद होने की स्थिति में होल्डिंग कंपनी ही मध्यस्थता करेगी. केंद्र सरकार से बिजली लेने-देने का काम, बिजली के व्यवसाय का काम भी होल्डिंग कंपनी के अधीन होगा.
झारखंड ऊर्जा उत्पादन निगम लि (जेयूयूएनएल)
एमडी: वीएस गौड़, निदेशक मंडल : विमल कीर्ति सिंह, हरदेव नारायण सिंह, एसएन वर्मा, केके सोन, सुधांशु कुमार, आलोक शरण
क्या होगा काम : पावर प्लांट से बिजली उत्पादन करना मुख्य काम. जेएसइबी के अधीन पतरातू थर्मल पावर स्टेशन और सिकिदिरी हाइडल प्रोजेक्ट इस कंपनी के अधीन होगा. पावर प्लांट के निर्माण, मरम्मत आदि के अलावा बिजली बेचने का काम करेगी. इस कंपनी के अधीन आनेवाले सारे कामगारों के प्रशासनिक अधिकार इस कंपनी के पास ही होगा. पावर प्लांट के निर्माण के लिए ज्वाइंट वेंचर करने का अधिकार भी होगा. जेएसइबी को आवंटित कोल ब्लॉक भी इसी कंपनी के अधीन होगा. उसे डेवलप करने और कोयला उत्खनन का अधिकार इसी कंपनी के पास होगा.
झारखंड बिजली वितरण निगम लि (जेयूएसएनएल)
एमडी : केके सोन, निदेशक मंडल : विमल कीर्ति सिंह, सुखदेव सिंह, वीएस गौड़, एसएन वर्मा, सीडी कुमार, आलोक शरण
क्या होगा काम : आम बिजली उपभोक्ताओं का सीधा सरोकार वितरण कंपनी से ही होगा. उपभोक्ताओं तक बिजली आपूर्ति करने का अधिकार, बिजली खरीदने और बेचने का अधिकार इसी कंपनी के पास होगा. बिजली कनेक्शन देने, बिल वसूली करने, सब स्टेशन व लाइन मेंटेन करने का अधिकार भी इसी कंपनी के पास है. इसी कंपनी के एमडी उपभोक्ताओं के लिए जवाबदेह होंगे. वितरण कंपनी को ही सबसे प्रमुख कंपनी माना जा रहा है, जिसका सीधा लेना-देना आम उपभोक्ताओं से होगा.