नहीं रहे धनंजय बाबू
चांडिल स्थित आवास में ली अंतिम सांस नीमडीह/चांडिल : गुरुवार सुबह 11:05 बजे तत्कालीन मानभूम रियासत व आज के चांडिल अनुमंडल के वीर सपूत स्वतंत्रता सेनानी धनंजय महतो का निधन हो गया. उन्होंने नीमडीह प्रखंड के चांडिल स्टेशन स्थित अपने आवास में अंतिम सांस ली. वह 95 वर्ष के थे. उनका अंतिम संस्कार पैतृक गांव […]
चांडिल स्थित आवास में ली अंतिम सांस
नीमडीह/चांडिल : गुरुवार सुबह 11:05 बजे तत्कालीन मानभूम रियासत व आज के चांडिल अनुमंडल के वीर सपूत स्वतंत्रता सेनानी धनंजय महतो का निधन हो गया. उन्होंने नीमडीह प्रखंड के चांडिल स्टेशन स्थित अपने आवास में अंतिम सांस ली. वह 95 वर्ष के थे.
उनका अंतिम संस्कार पैतृक गांव नीमडीह के गुंडा में किया गया. राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार नहीं किये जाने पर भाजपा नेता साधु चरण महतो और समाजसेवी हिकिम चंद्र महतो सहित अन्य लोगों ने विरोध जताया है.
उनके अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे. पूर्व मुख्यमंत्री अजरुन मुंडा, पूर्व सांसद रामटहल चौधरी स्थानीय विधायक अरविंद सिंह, आजसू के विधायक चंद्र प्रकाश चौधरी सहित कई गणमान्य लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे. उनके निधन की खबर सुन कर रांची में कांग्रेस भवन में शोकसभा आयोजित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी.
धनंजय बाबू का जन्म आठ अगस्त 1919 में गुंडा गांव में मां रातुलि देवी के यहां हुआ. पिता क्षेत्रमोहन महतो किसान थे. धनंजय बाबू 1935 से 16 वर्ष की उम्र में स्वाधीनता संग्राम में कूद पड़े.
देश आजाद होने के बाद वह 1957 से 1962 तक बिहार विधान सभा के सदस्य रहे, 1976 से 1982 तक बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे. 1984 से 1990 तक आयडा के चेयरमैन सहित अन्य कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे. महतो को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की वकालत उन्होंने जोरदार ढंग से की थी.
इस मामले में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की थी. पूर्व मुख्यमंत्री अजरुन मुंडा व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखदेव भगत सहित अन्य कई लोगों ने उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताया है.