झारखंड : 2500 करोड़ की मदद पर ग्रहण

रांची: पंचायतों की उन्नति के लिए केंद्र से झारखंड को मिलनेवाले 2,500 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद पर ग्रहण लग गया है. राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति नहीं होने से वर्ष 2015 में होनेवाले पंचायत चुनाव में विलंब होना तय है. पंचायत चुनाव नहीं होने पर या चुनाव में देर होने पर केंद्र सरकार से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 3, 2014 7:48 AM

रांची: पंचायतों की उन्नति के लिए केंद्र से झारखंड को मिलनेवाले 2,500 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद पर ग्रहण लग गया है. राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति नहीं होने से वर्ष 2015 में होनेवाले पंचायत चुनाव में विलंब होना तय है. पंचायत चुनाव नहीं होने पर या चुनाव में देर होने पर केंद्र सरकार से मिलनेवाली सहायता राशि झारखंड को नहीं मिलेगी. केंद्र सरकार द्वारा हर वर्ष झारखंड की पंचायतों का विकास करने के लिए 500 करोड़ रुपये से अधिक राशि दी जाती है.

नयी जनसंख्या पर करना होगा पंचायतों का परिसीमन
पंचायत चुनाव कराने के लिए लास्ट पब्लिश सेंसस (जनगणना के पिछले प्रकाशित आंकड़े) के आधार पर पंचायतों का परिसीमन करना जरूरी है. वर्ष 2011 के आधार पर जनगणना का प्रकाशन किया जा चुका है.

उसी आधार पर राज्य निर्वाचन आयोग पंचायतों का परिसीमन करेगा. परिसीमन की जटिल प्रक्रिया पूरी करने में आम तौर पर डेढ़ से दो वर्ष तक का समय लग जाता है. परिसीमन कराने के बाद पंचायतों का आरक्षण निर्धारित किया जाता है. उसके बाद ही चुनाव की घोषणा संभव है. राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति में हो रही देर के कारण वर्तमान परिस्थितियों में केंद्र से मिलनेवाली सहायता राशि की कम से कम एक किस्त रुकना लगभग तय है.

बिजली-पानी बिल भी नहीं भर पा रहा आयोग
राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति नहीं होने से आयोग की भी परेशानी बढ़ रही है. बिल पर हस्ताक्षर करने का अधिकार आयुक्त के पास है. इससे आयोग कार्यालय के बिजली-पानी बिल पेमेंट भी नहीं हो पा रहा है. आयोग में कांट्रैक्ट पर काम करनेवाले पदाधिकारी लगातार सेवानिवृत्त होते जा रहे हैं. दैनिक वेतनभोगियों का भुगतान बंद है.

Next Article

Exit mobile version