50 लाख ले गयी ‘सप्तर्षि’
हाता के निवेशकों से लाखों रुपये लेकर नन-बैंकिंग कंपनी फरार पोटका/राजनगर : देश में सारदा, जादूगोड़ा में राज कॉम एवं पोटका में मोंटेक जैसी नन-बैंकिंग संस्थाओं के घोटाले के बाद एक और कंपनी लोगों से रुपये लेकर भाग गयी है. हाता में कोलकाता की सप्तर्षि नामक नन-बैंकिंग संस्था का भी पैसा लेकर भागने का मामला […]
हाता के निवेशकों से लाखों रुपये लेकर नन-बैंकिंग कंपनी फरार
पोटका/राजनगर : देश में सारदा, जादूगोड़ा में राज कॉम एवं पोटका में मोंटेक जैसी नन-बैंकिंग संस्थाओं के घोटाले के बाद एक और कंपनी लोगों से रुपये लेकर भाग गयी है. हाता में कोलकाता की सप्तर्षि नामक नन-बैंकिंग संस्था का भी पैसा लेकर भागने का मामला प्रकाश में आया है. यह निवेशकों के पचास लाख रुपये से अधिक रकम लेकर फरार हो गयी है. इसमें सरायकेला, पोटका, घाटशिला, पुरुलिया एवं रायरंगपुर क्षेत्र के सैकड़ों लोगों ने पैसा जमा किया था.
इस संबंध में ठगी के शिकार एक एजेंट रतन लाल भकत (राजनगर प्रखंड के केंदमुड़ी गांव निवासी) ने जमशेदपुर न्यायालय में मामला दर्ज कराया है. यह नन-बैंकिंग संस्था हाता के टाटा रोड में सप्तर्षि इंफ्राप्रोपरटीज प्रा. लिमिटेड के नाम से चलती थी. इसका कार्यालय वर्ष 2011 में खोला गया था.
ठगी के शिकार रतन लाल ने बताया कि दमदम कोलकाता की सप्तर्षि इंफ्राप्रोपरटीज ने हाता में एक नन-बैंकिंग शाखा कार्यालय खोला था. यहां क्षेत्र के सैकड़ों बेरोजगार युवकों को अपने साथ जोड़कर लोगों से रुपये जमा कराये. यह रकम संस्था के एक बैंक खाता में जमा कराया गया.
संस्था का कार्य कुछ दिन सुचारु रूप से चला. इसके बाद एजेंट को वेतन और निवेशकों को एमआइएस के तहत रुपया देना बंद कर दिया गया. इससे लोगों को संस्था पर शक हुआ. लेकिन, जब तक कंपनी की पूरी असलियत का पता चला, लोग ठगे जा चुके थे.
इसके बाद स्थानीय एजेंट कोलकाता स्थित मुख्यालय गये, वह भी बंद मिला. श्री भकत ने बताया कि क्षेत्र में सैकड़ों एजेंट काम करते थे, जो क्षेत्र के निवेशकों से पचास लाख रुपये से अधिक रकम जमा करा चुके थे.