जेनरेटर की सबसे बड़ी फैक्टरी, पर खुद नहीं करते हैं उपयोग

रांची: गुजरात दौरा से लौटने के बाद झारखंड के लघु व मध्यम उद्योगों के उद्यमी अह्लादित हैं. सोमवार को जेसिया के सदस्यों ने यात्रा वृतांत सुनाया. टीम के सदस्यों ने 15 से 21 जनवरी तक कई उद्योगों का दौरा किया. वहां के अधिकारियों, मंत्री व मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की. बताया कि वहां […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 28, 2014 7:42 AM

रांची: गुजरात दौरा से लौटने के बाद झारखंड के लघु व मध्यम उद्योगों के उद्यमी अह्लादित हैं. सोमवार को जेसिया के सदस्यों ने यात्रा वृतांत सुनाया. टीम के सदस्यों ने 15 से 21 जनवरी तक कई उद्योगों का दौरा किया. वहां के अधिकारियों, मंत्री व मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की.

बताया कि वहां जेनरेटर बनाने की कई कंपनियां हैं. इन कंपनियों के लोगों को यह भी नहीं पता कि कभी बिजली भी कटती है. वहां के उद्यमी कहते हैं कि दूसरे राज्यों के लोग कहते हैं कि बिजली भी गुल होती है.

जेसिया के अध्यक्ष अरुण खेमका, शरद पोद्दार, पूर्व अध्यक्ष रंजीत टिबड़ेवाल, चंद्रकांत रायपत ने बताया कि यहां की उद्योग नीति गुजरात से खराब नहीं है. वहां उद्योग नीति पर काम होता है, यहां नहीं होता है. सीएम श्री मोदी का कहना था कि वह उद्योगों को चलाने में सहयोग नहीं करते हैं. यह कोशिश करते हैं कि चलनेवाले उद्योगों को कोई परेशानी नहीं हो.

क्या-क्या सुविधा है गुजरात में

सभी आवेदन व निबंधन ऑनलाइन प्रक्रिया से, निष्पादन समय से

कुल उत्पादन का 45 फीसदी एमएसएमइ से

कुल उत्पादन का 40 फीसदी निर्यात

3.50 लाख एमएसएमइ निबंधित, 1.3 करोड़ को रोजगार

282 उद्योग कल्स्टर

गुजरात इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन का 182 औद्योगिक क्षेत्र

देश का 25 फीसदी निर्यात गुजरात से

औद्योगिक आवश्यकता की पूर्ति गैस पाइपलाइन से

एक ही छत के नीचे औद्योगिक निबंधन की प्रक्रिया

इएम-1 का पंजीकरण एक दिन में, इएम-2 का 72 घंटे में

10 साल पहले गुजरात बिजली बोर्ड पांच हजार करोड़ के नुकसान में, विखंडन के बाद चार हजार हेक्टेयर मेगावाट विद्युत उत्पादन

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