रांची : गुरुवार को ट्रैफिक एसपी के साथ 25 प्रमुख अस्पतालों के प्रतिनिधियों और चेंबर के पदाधिकारियों ने बैठक की. ट्रैफिक एसपी ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को नजदीकी अस्पताल में लाने के बाद तत्काल आवश्यक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी.
उसके बाद आवश्यकता के अनुसार घायल को एंबुलेंस से रिम्स या अन्य अस्पतालों में भेजा जायेगा. बैठक में चेंबर के अध्यक्ष विकास सिंह, उपाध्यक्ष विनय अग्रवाल,रंजीत गड़ोदया, राम बांगड़, डॉ अनंत सिंह, शशांक भारद्वाज, काशी कनोई, दिवायंत शारश्वत, गुरुनानक अस्पताल के सचिव गुरुविंदर सिंह सेठी आदि मौजूद थे.
क्या है योजना
गोल्डेन ऑवर सिस्टम से शहर के 25 प्रमुख ऐसे अस्पतालों को शामिल किया गया है. जिनके पास ट्रॉमा सेंटर व 24 घंटे इमरजेंसी की सुविधा है. इन अस्पतालों को उनके आसपास के इलाकों की जिम्मेवारी दी गयी है, ताकि उस क्षेत्र में कोई भी दुर्घटना होने पर पुलिस मुख्यालय या किसी आम आदमी के द्वारा भी सूचना मिलने पर अस्पताल में दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की तत्काल नि:शुल्क प्राथमिक उपचार हो सके. आवश्यकता पड़ने पर अन्य अस्पताल तक अपने एंबुलेंस से घायल को भेजने की व्यवस्था करेंगे. साथ ही संबंधित अस्पताल अपने यहां किसी भी दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के आने के बाद संबंधित थाना या पुलिस मुख्यालय को सूचना देंगे. इस कार्य में एसोसिएशन ऑफ हॉस्पिटल एंड नर्सिग होम्स ऑफ झारखंड का भी सहयोग है.
इन अस्पतालों को शामिल किया गया
राज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, नागरमल मोदी सेवा सदन, अपोलो हॉस्पिटल, आरपी ऑथेपेडिक एंड ट्रामा सेंटर,अंजुमन इसलामिया हॉस्पिटल, राज ट्रस्ट हॉस्पिटल, समर हाउस नर्सिग होम, हरमू हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, केसी रॉय मेमोरियल हॉस्पिटल, देवकमल हॉस्पिटल, रानी हॉस्पिटल, चौधरी नर्सिग होम, आलम हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, रिंची ट्रस्ट हॉस्पिटल, गुरु नानक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, ऑर्किड मेडिकल सेंटर, सेंटेविटा हॉस्पिटल, लक्ष्मी नर्सिग होम, सीसीएल हॉस्पिटल, संत बरनवास हॉस्पिटल, सदर अस्पताल, एचइसी हॉस्पिटल, इएसआइ हॉस्पिटल, विनायका हॉस्पिटल व गुलमोहर अस्पताल.