रांची: झामुमो के नाराज तीन विधायक जगन्नाथ महतो, विद्युत वरण महतो और मथुरा महतो ने शनिवार को पार्टी प्रमुख शिबू सोरेन व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की. शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन ने तीनों विधायकों को मनाने की कोशिश की, पर वे नहीं माने. तीनों पांच फरवरी के बाद विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा देने पर अड़े हैं. तीनों विधायकों ने कहा कि शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन के साथ बातचीत के दौरान स्व सुधीर महतो की पत्नी सविता महतो ने फोन पर बात की. उन्होंने आग्रह किया है कि श्रद्ध कर्म संपन्न होने तक विधायक कोई कदम नहीं उठायें. इसी कारण हम पांच के बाद अगला कदम उठायेंगे.
शिबू और हेमंत को अपनी भावना बतायी
इससे पहले तीनों नाराज विधायकों ने दिन के डेढ़ बजे मथुरा महतो के आवास पर बैठक की. इसके बाद सभी शिबू सोरेन के मोरहाबादी स्थित आवास पर पहुंचे. वहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पहले से मौजूद थे. करीब 45 मिनट तक तीनों विधायकों ने शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन से बंद कमरे में बात की. सूत्रों के अनुसार, विधायकों ने शिबू सोरेन से अपने इस्तीफे पर चर्चा की. विधायकों ने कहा कि सविता महतो के अपमान के बाद वे विधायक नहीं रहना चाहते. पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता बने रहेंगे. शिबू सोरेन ने उनसे पांच फरवरी तक रुकने को कहा. आश्वासन दिया कि इस दौरान कोई अच्छा फैसला होगा. इसके बाद तीनों विधायकों की बात सविता महतो से करायी गयी. फिर विधायकों ने अपना फैसला पांच फरवरी तक टाल दिया.
मुख्यमंत्री देर से गये दुमका
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दिन के 12.20 बजे ही दुमका रवाना होना था. पर विधायकों से वह खुद बात करना चाहते थे, इसलिए शिबू सोरेन के आवास में एक बजे आ गये. विधायकों से बातचीत करने के बाद दिन के करीब 3.30 बजे शिबू सोरेन के साथ वह दुमका के लिए रवाना हुए.
क्यों हैं नाराज
झामुमो ने राज्यसभा चुनाव में स्व सुधीर महतो की पत्नी सविता महतो को प्रत्याशी बनाने का फैसला लिया था. इसके लिए मंगलवार को सविता महतो को जमशेदपुर से रांची बुलाया गया था. पर सविता महतो के रांची पहुंचने से पहले ही झामुमो ने अपना फैसला बदलते हुए राजद प्रत्याशी प्रेमचंद गुप्ता को समर्थन देने का निर्णय ले लिया. कांग्रेस पूर्व में ही राजद प्रत्याशी को समर्थन देने की बात कह चुकी थी. इस कारण झामुमो को भी अपना फैसला बदलना पड़ा. इस बीच सविता महतो रांची में शिबू सोरेन के मोरहाबादी स्थित आवास पर पहुंच गयी. पर उन्हें बैरंग की वापस जमशेदपुर लौटना पड़ा. झामुमो विधायकों का कहना है कि सविता महतो का अपमान हुआ है. इस कारण पार्टी के तीन विधायकों ने शिबू सोरेन को अपना इस्तीफा सौंप दिया.
शिबू सोरेन से सारी बात बता दी गयी है. राजद के दबाव में बाहरी प्रत्याशी के कारण शहीद की विधवा का अपमान हुआ है. वह अपने स्टैंड पर आज भी कायम हैं. इस्तीफा दे दिया, सो दे दिया है. अपमान का कोई डिमांड नहीं होता. अब पार्टी तय करे कि सविता महतो के लिए क्या करना है. – मथुरा महतो, विधायक
जिस तरह सविता महतो का अपमान हुआ है, ऐसी स्थिति में इस्तीफा जरूर देंगे. सविता महतो के आग्रह पर इसे टाला गया है. केवल बोर्ड-निगम दे देने से अपमान की भरपाई नहीं हो सकती. झामुमो अध्यक्ष आंदोलनकारी रहे हैं. उन्होंने कभी जीवन में समझौता नहीं किया है. उसी झामुमो की उपज मैं भी हूं, इसलिए समझौता का सवाल ही नहीं उठता. अब कोई रास्ता नहीं बचा है, इस्तीफा देकर ही मानेंगे. सविता महतो के अपमान पर पांच फरवरी को आहूत बंद का वह समर्थन करेंगे.
– जगन्नाथ महतो, विधायक
केडी सिंह की ओर से खाली की गयी राज्यसभा सीट का मामला कोर्ट में चल रहा है. पता नहीं कब कोर्ट से फैसला आयेगा. तब तक सविता महतो के लिए पार्टी क्या कर रही है. विधायक तो यही चाहते थे कि वह राज्यसभा जाये. छह साल में वह राजनीति में प्रशिक्षित हो जायेगी. बच्चों का भरण-पोषण भी करना है. विधायक यही चाहते हैं कि झारखंड में कोई बाहरी प्रत्याशी नहीं आये, धरती पुत्रों को सम्मान मिलना चाहिए.
-विद्युत वरण महतो, विधायक