मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की घोषणा,पारा शिक्षकों का 1400 रुपये मानदेय बढ़ेगा

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पारा शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि की घोषणा की है. दुमका में आयोजित झामुमो के स्थापना दिवस समारोह में उन्होंने कहा : सरकार ने पारा शिक्षकों के मानदेय में 1400 रुपये की वृद्धि करने का निर्णय लिया है. कैबिनेट की अगली बैठक में इसकी मंजूरी दे दी जायेगी. उन्होंने कहा : […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 4, 2014 7:39 AM

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पारा शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि की घोषणा की है. दुमका में आयोजित झामुमो के स्थापना दिवस समारोह में उन्होंने कहा : सरकार ने पारा शिक्षकों के मानदेय में 1400 रुपये की वृद्धि करने का निर्णय लिया है. कैबिनेट की अगली बैठक में इसकी मंजूरी दे दी जायेगी. उन्होंने कहा : राज्य में टेट उत्तीर्ण और उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया 25 फरवरी तक पूरी कर ली जायेगी. पूरे राज्य में 1300 किमी सड़क और 68 पुल बनाये जायेंगे. इनमें 38 पुल संताल परगना में बनेंगे.

वनरक्षी की नियुक्ति 25 फरवरी तक : मुख्यमंत्री ने कहा : सरकार 25 फरवरी तक वनरक्षी की नियुक्ति कर लेगी. इसमें गांवों के नौजवानों को नौकरी दी जायेगी. राज्य में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नौकरी में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जायेगी. उन्होंने कहा : बैंकों को क्षेत्रों के विकास के लिए लोन देना होगा, खासकर किसानों को.

जो बैंक लक्ष्य पूरा नहीं करेंगे, सरकार उन्हें बंद करने का काम करेगी.
धोती-साड़ी योजना से जुड़ेगी लूंगी : मुख्यमंत्री ने कहा : सरकार ने 65 पार सभी वृद्ध के लिए पेंशन योजना लायी है. सभी बीडीओ को दो माह के अंदर सूची सौंपने को कहा है. ऐसा नहीं करने पर बीडीओ सस्पेंड होने के लिए तैयार रहें. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी प्रखंड में वृद्ध पेंशन के लिए भटकते नहीं दिखने चाहिए. अधिकारी अपने तंत्र के माध्यम से वृद्ध के घर जायें और पेंशन की प्रक्रिया पूरी करें. उन्होंने आंदोलनकारियों को चिह्न्ति करने के लिए बने आयोग से सूची जल्द तैयार करने को कहा है, ताकि उन्हें नौकरी या पेंशन देने की पहल की जा सके. उन्होंने कहा : 10 रुपये में धोती-साड़ी की योजना से लूंगी को भी जोड़ा जायेगा. सरकार इसके लिए काम कर रही है.

काम से विरोधियों को सिर दर्द
मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की उपलब्धियां भी गिनायी. कहा : चार माह की हमारी सरकार है. दो माह तो मंत्रियों की कुरसी ढूंढ़ने में लग गये. शेष दो माह में हमने जो काम किया है, उससे विरोधियों को सिर दर्द हो रहा है. सरकार विकास का काम गांव से शहर की ओर ला रही है. पिछली सरकारें शहर से गांव की ओर विकास कर रही थी. उन्होंने कहा : विरोधी कहते हैं कि मैं कुरसी के लिए राजनीति करता हूं. उन्हें बता देना चाहता हूं कि जो नेता कुरसी के लिए राजनीति नहीं करता, उसे राजनीति छोड़ एनजीओ या ट्रस्ट खोल लेना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा : हमारी सरकार गंठबंधन की है. इसमें एक पहिया स्कूटर, दूसरा ट्रक, तीसरा बोलेरो और चौथा ट्रैक्टर की है. यह गाड़ी पलटी, तो ड्राइवर तो जायेगा ही, राज्य की सवा तीन करोड़ जनता भी जायेगी. सुबह, दोपहर और शाम में स्थितियां बदलती रहती हैं, लेकिन हमने राज्य की समस्याओं को दूर करने की पहल की है.

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