बिजली बोर्ड में भ्रष्टाचार, जांच हो : सरयू

रांची: पूर्व विधायक व भाजपा नेता सरयू राय ने बिजली बोर्ड पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए मुख्य सचिव आरएस शर्मा से जांच की मांग की है. इस बाबत उन्होंने एक पत्र मुख्य सचिव को लिखा है. उन्होंने लिखा है कि काफी दिनों से वह राज्य सरकार को प्रमाणों के आधार पर जांच करने की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 14, 2014 7:32 AM

रांची: पूर्व विधायक व भाजपा नेता सरयू राय ने बिजली बोर्ड पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए मुख्य सचिव आरएस शर्मा से जांच की मांग की है. इस बाबत उन्होंने एक पत्र मुख्य सचिव को लिखा है. उन्होंने लिखा है कि काफी दिनों से वह राज्य सरकार को प्रमाणों के आधार पर जांच करने की मांग करते रहे हैं. कुछ मामलों की जांच भी हुई है, पर जांच अंजाम तक नहीं पहुंच सकी है.

श्री राय ने सिकिदिरी पनबिजली परियोजना की मरम्मत में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए लिखा है कि इसमें जेएसइबी व भेल की सांठ-गांठ से सरकारी खजाने पर 20 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ा है. यहां मरम्मत के लिए 2.68 करोड़ रुपये का प्राक्कलन बना था, पर षड़यंत्र कर भेल को नोमिनेशन पर 23.45 करोड़ में काम दिया गया. भेल ने इसे सबलेट कर नॉदर्न पावर इलेक्टर्स लिमिटेड को 15.30 करोड़ में सबलेट कर दिया. राष्ट्रपति शासन में राज्यपाल के सलाहकार मधुकर गुप्ता के अनुरोध पर सीइए को जांच का निर्देश दिया गया. सीइए की जांच में सारे आरोप सही पाये गये, पर ऊर्जा विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की. तब वह खुद सीबीआइ के पास गये. सीबीआइ ने इसकी जांच की. कागजात भी जब्त कर चुकी है. फिलहाल पता नहीं है कि जांच चल रही है या स्थगित है. श्री राय ने आशंका जतायी है कि राज्य सरकार के अधिकारी इस मामले में दबाव में है.

श्री राय ने पतरातू थर्मल पावर स्टेशन की यूनिट सात पर अनावश्यक व्यय की बात कही है. उन्होंने लिखा है कि एनटीपीसी द्वारा यूनिट सात को कबाड़ घोषित कर दिया गया था. इसके बावजूद इसकी मरम्मत बेमतलब है. बोर्ड ने इस पर 13 करोड़ रुपये के सामान खरीदने का प्राक्कलन तैयार किया है, जिसमें पांच करोड़ के खरीदे जा चुके हैं. इन सामान का उपयोग भी नहीं हुआ और वारंटी भी समाप्त हो गयी.

बोर्ड के बंटवारे के बाद अराजक स्थिति
सरयू राय ने लिखा है कि बिजली बोर्ड का बंटवारा कर चार कंपनियां बना दी गयी हैं, पर होल्डिंग व ट्रांसमिशन में ही एमडी की नियुक्ति हो सकी है. वितरण व उत्पादन में नहीं है. इस कारण अराजक स्थिति बनी हुई है. श्री राय ने रांची व जमशेदपुर में बिजली वितरण फ्रेंचाइजी पर भी सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि इन कंपनियों के साथ प्री बिड मीटिंग के बाद निविदा शर्तो में बदलाव किया गया है.

पूर्व में यह दर रांची में 2.03 रुपये प्रति यूनिट व जमशेदपुर में 2.50 रुपये प्रति यूनिट थी, जिसे घटा कर रांची के लिए 1.78 रुपये व जमशेदपुर के लिए 2.25 रुपये प्रति यूनिट कर दी गयी. इसके लिए बोर्ड के निदेशक मंडल की मंजूरी भी नहीं ली गयी. इससे सरकार के खजाने पर सालाना करीब 80 करोड़ रुपये का नुकसान होगा और फ्रेंचाइजी कंपनियों को फायदा होगा. श्री राय ने ट्रांसफारमर खरीदारी में भी अनियमितता की बात कही है. साथ ही कहा है कि पीजीसीआइएल द्वारा राज्य में ट्रांसमिशन लाइन बिछाने का काम ठप है. 18 माह में इस काम को होना था, पर अब तक काम धीमा है. जिन्हें मॉनिटर करना है, वह खुद पीजीसीआइएल से डेपुटेशन पर यहां ट्रांसमिशन कंपनी के एमडी हैं. श्री राय ने निष्ठा पर सवाल उठाया है.

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