अश्विनी कुमार
गठिया रोग के कारण बायां पैर हो गया था बेकार, ड्यूटी करने में था असमर्थ, घर में नहीं था खाने को अनाज
भडगांव का रहनेवाला था राजकमल उरांव
भरनो (गुमला) : गठिया रोग के कारण बायें पैर से बेकार होमगार्ड के पूर्व जवान राजकमल उरांव (42) ने आर्थिक तंगी के कारण तालाब में कूद कर अपनी जान दे दी. भरनो थाना क्षेत्र के भडगांव निवासी राजकमल के घर में मात्र एक किलो चावल था. ग्रामीणों ने की सूचना पर पुलिस ने तालाब से उसका शव निकाला.
इस संबंध में थाने में यूडी केस दर्ज किया गया है. उपायुक्त बीणा श्रीवास्तव के आदेश पर प्रभारी बीडीओ जोसेफ कंडुलना ने मृतक के आश्रित को पांच हजार रुपये व 35 किलो चावल उपलब्ध कराया है. घटना सोमवार की रात लगभग दो बजे की है. जानकारी के अनुसार, राजकमल उरांव तीन वर्ष पहले होमगार्ड का जवान था. गठिया रोग से ग्रसित होने के बाद उसका बायां पैर बेकार हो गया.
वह ड्यूटी करने में असमर्थ हो गया था. तब से घर पर ही रहता था. बैशाखी के सहारे गांव में काम की तलाश करता था. काम नहीं मिलने के कारण हताश हो गया था. उसके सात बच्चे हैं. पांच बेटी व दो बेटे हैं. एक बेटी जयंती की शादी हो चुकी है.
दूसरी बेटी देवंती ईंट-भट्ठा में काम करने लखनऊ गयी है. राजकमल के नाम मात्र 20 डीसमिल जमीन है, जिससे वह परिवार का भरण-पोषण करने में असमर्थ था. उसके नाम बीपीएल, लाल कार्ड व अंत्योदय कार्ड नहीं था. विकलांग पेंशन के लिए उसने अंचल कार्यालय का कई बार चक्कर लगाया, पर विकलांग पेंशन नहीं मिल सकी. आर्थिक तंगी के कारण वह बच्चों को पेट भरने मेंअसमर्थ था.
राजकमल की पत्नी सीता उरांव ने बताया कि वह खेतों में मजदूरी कर बच्चों का भरण-पोषण करती थी. काम नहीं मिलने पर एक शाम भूखे रहना पड़ता था. सोमवार को वह मजदूरी में मिले पैसे से दो किलो चावल खरीद कर लायी थी. रात में एक किलो चावल बना कर बच्चों को खिलाया था. रात लगभग तीन बजे नींद खुली, तो पति को बिस्तर पर नहीं देख उसे बाहर खोजने गयी. पर वह नहीं मिला. सुबह लगभग छह बजे गांव के तालाब के किनारे बैशाखी, कपड़े व टॉर्च मिला. शंका होने पर ग्रामीणों के सहयोग से तालाब से उसका शव निकलवाया.