रांची में बच्चों समेत पांच लोगों को जलाकर मारने वाले की दया याचिका खारिज

रांची : रांची के बरियातू इलाके में वन विभाग के बंगले में रहने वाले वन विभाग के एक अधिकारी की पत्नी और बच्चों समेत पांच लोगों को 11 वर्ष पूर्व नृशंस तरीके से जलाकर मार देने वाले अपराधी अजय कुमार पाल की दया याचिका राष्ट्रपति ने खारिज कर दी है जिसकी सूचना यहां सीबीआई अदालत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 20, 2014 11:48 PM

रांची : रांची के बरियातू इलाके में वन विभाग के बंगले में रहने वाले वन विभाग के एक अधिकारी की पत्नी और बच्चों समेत पांच लोगों को 11 वर्ष पूर्व नृशंस तरीके से जलाकर मार देने वाले अपराधी अजय कुमार पाल की दया याचिका राष्ट्रपति ने खारिज कर दी है जिसकी सूचना यहां सीबीआई अदालत को आज दी गयी.

विशेष सीबीआई अदालत के अधिवक्ता ने बताया कि यहां बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार के अधीक्षक ने अदालत को छह फरवरी को लिखे पत्र के माध्यम से यह सूचना दी है कि दो जून, 2003 को रांची के बरियातू इलाके में एक ही परिवार के पांच लोगों को जलाकर मार देने वाले अभियुक्त अजय कुमार पाल की दया याचिका राष्ट्रपति ने खारिज कर दी है.

जेल अधीक्षक ने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि पाल ने राष्ट्रपति द्वारा अपनी दया याचिका को खारिज करने को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती भी दी है. अदालत को पत्र भेजे जाने की पुष्टि बिरसा मुंडा जेल के अधीक्षक डीके प्रधान ने भी की है.

पश्चिम बंगाल में पुरुलिया का रहने वाला अजय कुमार पाल रांची के बरियातू में वन विभाग के बंगले में रहने वाले भारतीय वन सेवा के अधिकारी धीरेन्द्र कुमार के यहां नौकर था. उसने दो जून 2003 को उस समय धीरेन्द्र की पत्नी 41 वर्षीया अमिता को उसके कमरे में ही बंद कर आग लगा दी थी जब धीरेन्द्र अपने एक पुत्र अंकुर को परीक्षा दिलाने के लिए साथ लेकर बेंगलूर गये हुये थे. इतना ही नहीं कथित तौर पर अमिता के र्दुव्‍यवहार से क्षुब्ध अजय ने अमिता के जलते कमरे में ही उसके तथा उसके रिश्तेदारों के तीन बच्चों सत्रह वर्षीय हर्षित, दस वर्षीया अनमोल एवं आठ वर्षीय एक अन्य बेटे और 12 वर्षीय दूसरे नौकर किट्टू को पीट पीट कर जबरन फेंक दिया था और कमरे को बाहर से बंद कर वहां से फरार हो गया था.

इस मामले की सीबीआई ने जांच की थी और विशेष सीबीआई अदालत के तत्कालीन न्यायाधीश मोहम्मद नुमान अली ने पांच अप्रैल 2007 को उसे मौत की सजा सुनायी थी.

Next Article

Exit mobile version