झारखंड विधानसभा सत्र: विपक्ष का हंगामा, दो बार सदन स्थगित
रांची: विधानसभा के बजट सत्र में शुक्रवार को वर्ष 2012 के राज्यसभा चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग के मामले को लेकर सदन में हंगामा हुआ. पहली पाली में सदन की कार्यवाही नहीं चली. हो-हंगामे के बीच ही वित्त मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह ने वर्ष 2014-15 का बजट सदन पटल पर रखा. दिन के 11 बजे सदन […]
रांची: विधानसभा के बजट सत्र में शुक्रवार को वर्ष 2012 के राज्यसभा चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग के मामले को लेकर सदन में हंगामा हुआ. पहली पाली में सदन की कार्यवाही नहीं चली. हो-हंगामे के बीच ही वित्त मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह ने वर्ष 2014-15 का बजट सदन पटल पर रखा. दिन के 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायक वेल में आ गये. साथ ही एक अंगरेजी अखबार में वर्ष 2012 के राज्यसभा चुनाव से संबंधित खबर का हवाला देते हुए मामले को उठाया.
अखबार में खबर प्रकाशित हुई थी कि झामुमो के 17 विधायकों ने वर्ष 2012 के राज्यसभा चुनाव में पैसे लिये थे. इस खबर पर विपक्ष ने सरकार से जवाब मांगा. भाजपा विधायकों ने कहा कि यह भ्रष्टाचार का मामला है. सत्ताधारी दल के विधायकों का नाम आ रहा है. इस पर सरकार को जवाब देना होगा.
पीकर शशांक शेखर भोक्ता ने कहा कि मामला सीबीआइ देख ही रही है. इसके बाद वह विपक्षी विधायकों से अपनी जगह पर बैठने का बार-बार आग्रह करते रहे. उधर, सत्ताधारी दल झामुमो के विधायक भी स्थानीयता मुद्दे को लेकर सदन में ऊंची आवाज में अपनी बातें रखीं. उन्होंने मांग की कि सरकार स्थानीय नीति लागू करे.
विधायक बंधु तिर्की जेपीएससी परीक्षा में अनियमितता का मामला लेकर वेल में आ गये. श्री तिर्की ने कहा कि जेपीएससी परीक्षा में बाहरी लोगों को लिया जा रहा है. सदन में अव्यवस्था को देखते हुए स्पीकर ने बार-बार नाराजगी जतायी. कार्यवाही शुरू होने के 15 मिनट बाद ही स्पीकर ने सदन 11.30 तक के लिए स्थगित कर दिया.
दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू होने पर भी व्यवस्था नहीं बन पायी. भाजपा विधायक शांत होने को तैयार नहीं थे. इसके बाद कार्यवाही 11.55 तक के लिए स्थगित कर दी गयी. तीसरी बार सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद वित्त मंत्री ने बजट प्रस्ताव रखा. हो-हंगामे के बीच वित्त मंत्री का भाषण हुआ.
..ऐसे हालात रहे, तो कार्रवाई होगी
स्पीकर भाजपा विधायकों के हंगामे से नाराज थे. आसन ने कहा कि एक अखबार में छपी खबर पर इस तरह हंगामा नहीं किया जा सकता है. विपक्ष जानबूझ कर सदन बाधित कर रहा है. जनता को धोखा मत दीजिए. दूसरे विधायकों का हक मार रहे हैं. जनता के सवाल आने नहीं दे रहे हैं. स्पीकर ने कहा कि एक बार डायरी में तो आडवाणी जी का भी नाम आ गया था. स्पीकर ने विपक्षी विधायकों से कहा कि हल्ला मत कीजिए, जनता के बीच भी जाना है. जनता को जवाब भी देना होगा. जनता सब देख रही है. ऐसा लग रहा है कि आपके पास कोई मुद्दा नहीं है. सदन में ऐसे हालात रहे, तो मैं प्रावधान के अनुसार कार्रवाई करूंगा.
आप सिर्फ सत्ता पक्ष के स्पीकर नहीं
भाजपा विधायकों के हंगामे के दौरान स्पीकर ने पूर्व स्पीकर सीपी सिंह के प्रति भी नाराजगी जतायी. उन्होंने कहा कि आप अध्यक्ष रहे हैं. आप तो ऐसा मत कीजिए. इस पर सीपी सिंह ने कहा कि आप पर पूरे सदन ने विश्वास किया है. पक्ष-विपक्ष ने चुना है. आप सिर्फ सत्ता पक्ष के स्पीकर नहीं हैं. हमारी भी बात भी सुनिए. कांग्रेस विधायक बन्ना गुप्ता भी वाद-विवाद में कूद पड़े. बन्ना गुप्ता ने कहा कि सीपी सिंह स्पीकर रहते कह चुके हैं कि वह भाजपा के विधायक हैं. इस पर सीपी सिंह ने कहा कि मैं एक बार नहीं, सौ बार यह बात कह चुका हूं. इसमें गलत क्या है.