रांची: राष्ट्रीय सूक्ष्म सिंचाई मिशन में हुई गड़बड़ी को लेकर परस्पर दोषारोपण शुरू हो गया है. इससे जुड़े अफसर स्वयं को निदरेष व दूसरों को दोषी बताने में जुट गये हैं. हालांकि इनमें से कुछ अफसरों ने गड़बड़ी से इनकार भी नहीं किया है.
उनका मानना है कि गड़बड़ी हुई है, पर इसके लिए सीधे तौर पर दूसरे अफसर जिम्मेवार हैं. नोडल पदाधिकारी ने स्वयं को निदरेष बताया है. उनका कहना है कि यह मामला उनसे पहले का है. उनके पहले के नोडल पदाधिकारी के समय में इससे संबंधित पैसा निकाला गया है, इसलिए उन्हें आरोप मुक्त किया जाये.
अनुमंडल उद्यान पदाधिकारी को दोषी बताया : जिला उद्यान पदाधिकारी ने इसके लिए अनुमंडल उद्यान पदाधिकारी अजय कुमार को दोषी बताया है. उन्होंने लिखा है कि श्री कुमार ने ही बुढ़मू के उपेंद्र गिरि को दिये जानेवाले कृषि उपकरणों की जांच की थी. उन्होंने ही स्थल की जांच भी की थी. उनकी रिपोर्ट के आधार पर ही सब कुछ हुआ. इस मामले में उनकी संलिप्तता नहीं है. उन्होंने सचिव से खुद को आरोप मुक्त करने का आग्रह किया है.
जांच के पहले ही मिटा रहे साक्ष्य : इधर सचिव नीतीन मदन कुलकर्णी ने इस पूरे मामले में जांच का आदेश देते हुए 22 फरवरी तक का समय तय किया है. इसके लिए अलग-अलग जांच कमेटियां बनायी गयी हैं, पर जांच के नाम पर साक्ष्य मिटाया जा रहा है. गड़बड़ी में शामिल लोग ही सार्वजनिक रूप से साक्ष्य मिटा रहे हैं. ठाकुरगांव के ही खरकुटोली में तीन लोग पहुंचे और पटवन सामग्री लगायी, पर विभाग जांच रिपोर्ट आने तक (22 फरवरी) का इंतजार कर रहा है. इधर विभागीय सचिव नीतिन मदन कुलकर्णी ने कहा कि अफसरों को शो-कॉज मिल गया है. उनके जवाब की प्रतीक्षा है. जांच रिपोर्ट के बाद ही कार्रवाई की जायेगी.