प्रधानाध्यापक और प्रबंधन समिति के अध्यक्ष को पीटा

पाठकों ने प्रभात खबर से साझा की अपनी परेशानी, ई-मेल भेज कर बताया रांची : राज्य के विभिन्न जिलों से स्थानीय प्रमाण पत्र के लिएआवेदन करनेवाले कई लोगों ने ‘प्रभात खबर’ को ई-मेल भेज कर अपनी परेशानी बतायी है. जिन पाठकों ने अपनी पीड़ा साझा की है, उसमें से ज्यादातर छात्र हैं. इन्हें विभिन्न प्रतियोगी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 6, 2017 6:37 AM
पाठकों ने प्रभात खबर से साझा की अपनी परेशानी, ई-मेल भेज कर बताया
रांची : राज्य के विभिन्न जिलों से स्थानीय प्रमाण पत्र के लिएआवेदन करनेवाले कई लोगों ने ‘प्रभात खबर’ को ई-मेल भेज कर अपनी परेशानी बतायी है. जिन पाठकों ने अपनी पीड़ा साझा की है, उसमें से ज्यादातर छात्र हैं. इन्हें विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के फॉर्म भरने हैं.
समय सीमा के अंदर प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए कर्मचारी, सीओ, बीडीओ और एसडीओ के पास दौड़ लगा रहे हैं. आवेदकों ने बताया है कि प्रमाण पत्र के लिए दस्तावेज के तौर पर खतियान को ही प्राथमिकता दी जा रही है. जिनके पास खतियान नहीं है, उन्हेें प्रमाण पत्र मिलने में काफी समय लग रहा है. कुछ लोगों को खतियान दिखाने के सप्ताह भर में प्रमाण पत्र दिया जा रहा है. पाठकों ने जो ई-मेल भेजे हैं, उन्हें हम हू-ब-हू प्रकाशित कर रहे हैं.
प्रखंड में कर्मचारी कहते हैं, बिना खतियान प्रमाण पत्र नहीं बनेगा
मैं सरायकेला-खरसांवा जिले का निवासी हूं. 11 फरवरी 2016 को जाति और नवंबर 2016 में आवासीय प्रमाण पत्र के लिए आवेदन दिया था, लेकिन आज तक प्रमाण पत्र नहीं मिला.
इस पर मैं प्रखंड विकास पदाधिकारी और कर्मचारी हिम्मत लाल महतो से भी मिला. उनलोगों ने साफ कहा कि बगैर खतियान के स्थानीय प्रमाण पत्र नहीं मिला सकता. मैंने उन्हें मैट्रिक का प्रमाण पत्र व पिता की सरकारी नौकरी का प्रमाण पत्र भी दिखाया. इसके बावजूद मुझे स्थानीय प्रमाण पत्र नहीं मिला. कर्मचारी भी प्रमाण पत्र निर्गत करने से इनकार कर दिया. काफी परेशानी हो रही है. अब क्या करूं कुछ समझ में नहीं आ रहा है. स्थानीय प्रमाण पत्र के लिए मैंने जो आवेदन दिया है, उसका संख्या जेएचआरसी/2016/713338 व कूपन संख्या: 1201 है. जबकि, जाति के लिये जो आवेदन जमा किया है उसका कूपन संख्या 457 है.
मो इमरान अकरम, सरायकेला-खरसांवा
प्रज्ञा केंद्र वाले दौड़ा रहे, हाइस्कूल में नियुक्ति का आवेदन देना है
मेरा नाम नकीब अहमद है और मैं बड़गाईं बस्ती का निवासी हूं. मुझे हाइस्कूल की नियुक्ति के लिए आवासीय और जाति प्रमाण पत्र की जरूरत है. 31 दिसंबर 2016 को बूटी प्रज्ञा केंद्र में आवेदन दिया था.
मेरे बहुत कहने के बाद मेरे सामने डॉक्यूमेंट अपलोड किया गया, जिसमें मेरा मैट्रिक का एडमिट कार्ड, मार्कशीट, खतियान की कॉपी, लगान रसीद, आधार कार्ड और वार्ड काउंसिलर से फारवर्ड कराया हुआ आवेदन था. मुझे टोकन नंबर-1935020 दिया गया, जो आवासीय का था. अब प्रज्ञा केंद्रवाले कहते हैं कि पेमेंट ऑनलाइन गड़बड़ी के कारण अटक गया. अब तक न तो फीस पेमेंट हुआ है और न ही मेरा आवेदन आगे बढ़ा है. केंद्रवाले कहते हैं कि ऐसा सर्वर में गड़बड़ी के कारण पिछले दो-चार दिनों से हो रहा है. काफी परेशान हूं. क्योंकि हाइस्कूल का आवेदन छह जनवरी से लिया जायेगा, उसमें जाति और आवासीय दोनों प्रमाण पत्र लिया जायेगा.
नकीब अहमद, बड़गाईं बस्ती
19 दिसंबर से ही लंबित है आवेदन, अब तक नहीं आयी कोई सूचना
मैंने स्थानीय प्रमाण पत्र के लिए 19 दिसंबर 2016 को प्रज्ञा केंद्र में आवेदन जमा किया है. लेकिन, मेरा आवेदन आज तक लंबित है. मैंने आवेदन के साथ सभी दस्तावेज दिये हैं, लेकिन अब तक कोई मैसेज नहीं आया है. जबकि, मैं खुद संत जेवियर्स का छात्र हूं और मेरे दादा सीसीएल से सेवानिवृत हो चुके हैं. इसके बावजूद मेरे आवेदन पर अब तक कोई विचार नहीं किया गया है. आवेदन का टोकन नंबर: 1920296 है. हमने छोटानागपुर हाइस्कूल रातू से मैट्रिक की परीक्षा पास की है.
नीतेश कुमार यादव, पुटकल टोली, कांके
समझ नहीं आता, पढ़ाई करूं या प्रज्ञा केंद्र का चक्कर लगाऊं?
मेरा नाम किरण कुमारी है. ये नहीं समझ पा रही हूं कि सरकार हाइस्कूल में नियुक्ति के लिए दो जून 2016 के बाद का स्थानीय सर्टिफिकेट क्याें मांग रही है? क्या पहले का बना हुआ सर्टिफिकेट मान्य नहीं होना चाहिए? फिलहाल जब हम प्रज्ञा केंद्र जा रहे हैं, तो सर्टिफिकेट इश्यू का मैसेज आ रहा है. अब आप ही बतायें कि मैं पढ़ाई करूं या प्रज्ञा केंद्र के चक्कर लगाऊं? सरकार से आग्रह करती हूं कि जिनका पहले का आवासीय प्रमाण पत्र बना हुआ है, उन्हें फॉर्म भरने दिया जाये. आखिर वे झारखंड के निवासी हैं.
किरण कुमारी, छात्रा
बिजली विभाग में फॉर्म भरनेवालों को हो रही परेशानी
कई छात्रों के मेल मिले हैं, जिन्हें झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड में नियुक्ति के लिए फॉर्म भरने में परेशानी हो रही है. पाठकों ने बताया कि फॉर्म भरने की अंतिम तिथि आठ जनवरी तक ही है. स्थानीय और जाति प्रमाण पत्र मिलने में परेशानी हो रही है. कई छात्रों को प्रमाण पत्र नहीं मिला है और फॉर्म भरने की स्थिति में नहीं हैं. बुंडू के विनीत साहू ने मेल भेज कर बताया कि सात दिन पहले आवेदन दिया था. जाति प्रमाण पत्र के लिए आइडी 190087 और स्थानीयता के लिए आइडी 1929977 है. आवेदन राजस्व कर्मचारी के पास ही रुका है. विनीत साहू ने बताया कि उसे निगम में फॉर्म भरना है, कैसे भर पायेगा? यही पीड़ा धनबाद की श्वेता श्रीवास्तव की भी है.
नहीं बना आवासीय प्रमाण पत्र, कैसे िमलेगी छात्रवृत्ति
मेरा नाम ऋषभ कुमार है अौर मेरी उम्र 17 वर्ष है. मैंने आवासीय प्रमाण पत्र बनाने का आवेदन करीब एक महीना पहले दिया था. लेकिन, अब तक प्रमाण पत्र नहीं बना. कॉलेज में स्कॉलरशिप के लिए फॉर्म भरना है. अगर समय पर आवासीय प्रमाण पत्र नहीं बना तो मैं स्कॉलरशिप से वंचित रह जाऊंगा.
ऋषभ कुमार, छात्र
प्रमाण पत्र के लिए सरकार आपसे क्या जानना चाहती है?
1. क्या आपके माता-पिता को झारखंड के स्थानीय निवासी का प्रमाण पत्र प्राप्त है?
2 क्या आपके माता-पिता-पूर्वजों के नाम खतियान में दर्ज हैं?
3 क्या आपके माता-पिता भूमिहीन हैं?
4 क्या आप झारखंड में प्रचलित भाषा, संस्कृति, परंपरा से अवगत हैं?
5 क्या आप स्वयं अथवा आपके माता-पिता राज्य सरकार के कर्मी हैं?
6 क्या आप स्वयं अथवा माता-पिता भारत सरकार के कर्मी हैं, तथा अभी झारखंड राज्य में पदस्थापित हैं?
7 क्या आप स्वयं अथवा माता-पिता झारखंड राज्य में किसी संवैधानिक-विधिक पद पर आसीन हैं?
8 क्या आपका जन्म झारखंड राज्य क्षेत्र में हुआ हैं?
9 क्या आपने अपनी मैट्रिकुलेशन अथवा समकक्ष स्तर की पूरी शिक्षा झारखंड स्थित किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से प्राप्त की है?
10 क्या आप स्वयं अथवा आपके माता-पिता विगत 30 वर्षों से झारखंड राज्य में निवास करते हैं और अचल संपत्ति अर्जित की है?
पाठकों से आग्रह
‘प्रभात खबर’ के साथ स्थानीय और जाति प्रमाण पत्र बनाने में हो रही परेशानी को साझा करने वाले पाठकों से आग्रह है कि वे अपना पूरा नाम, पता बतायें. इसके साथ ही ऑनलाइन आवेदन की आइडी और तिथि भी लिखें, जिससे साफ हो सके कि उनका आवेदन कितने दिनों से लंबित है़
आप यहां भेज सकते हैं ई-मेल
– anand.mohan@prabhatkhabar.in – manoj.singh@prabhatkhabar.in – rajesh.tiwari@prabhatkhabar.in
प्रधानाध्यापक और प्रबंधन समिति के अध्यक्ष को पीटा
स्कूल में घुस कर कहा :जमीन हमारी है, कोई काम नहीं होगा
चान्हो : प्रखंड के आरा ग्राम स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक छोटेेलाल मुखियार व विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष बालेश्वर नायक के साथ गुरुवार को स्कूल में घुस कर मारपीट की गयी. यह देख वहां पढ़ रहे बच्चे स्कूल छोड़ भाग खड़े हुए. मामले को लेकर बालेश्वर नायक ने गांव के ही पांच लोगों के खिलाफ चान्हो थाने में लिखित शिकायत दर्ज करायी है. घटना सुबह करीब साढ़े 10 बजे की है. तब विद्यालय में पठन-पाठन के साथ वायरिंग का काम चल रहा था. वायरिंग की देखरेख के लिए बालेश्वर नायक भी मौजूद थे. इसी बीच अजय सिंह नामक युवक चार अन्य लोगों के साथ वहां पहुंचा.
विद्यालय की जमीन हमारी है, यहां हम किसी भी तरह का काम नहीं होने देंगे कह कर प्रधानाध्यापक के साथ मारपीट शुरू कर दी. बीच-बचाव करने पर बालेश्वर नायक को भी पीटा. विद्यालय में हंगामा व मारपीट होता देख वहां पढ़ रहे बच्चों के साथ-साथ मध्याह्न भोजन बना रही माता समिति की महिलाएं भी भाग खड़ी हुईं. बाद में हंगामा सुन कर ग्रामीण जमा हुए व किसी तरह मामला शांत कराया. घटना के बाद से शिक्षक व बच्चे दहशत में हैं. मामले की जानकारी मुखिया को भी दी गयी है.
आरोपी युवक के परिजनों ने ही दी है स्कूल के लिए जमीन
जानकारी के अनुसार अजय सिंह ग्राम शिक्षा समिति का पूर्व अध्यक्ष है. स्कूल के लिए जमीन उसके पूर्वजों ने ही दी है. जब से शिक्षा विभाग के नये नियम के अनुसार ग्राम शिक्षा समिति को भंग कर स्कूल की देखरेख का जिम्मा विद्यालय प्रबंधन समिति को मिला है.
वह स्कूल की जमीन को निजी जमीन बताते हुए हर काम में बाधा उत्पन्न करता है. शिक्षकों को धमकी देता है. जबकि विद्यालय की स्थापना के 30 साल से भी अधिक समय हो चुके हैं. उसी के कार्यकाल में यहां अतिरिक्त स्कूल भवन व चहारदीवारी का भी निर्माण हुआ है.

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