नक्सलियों ने दो साल बाद चतरा में दिया घटना को अंजाम
दिसंबर 2014 में इटखोरी मंदिर के पास विस्फोट कर पुलिस गश्ती दल को निशाना बनाया था रांची : भाकपा माओवादी के नक्सलियों ने चतरा में दो साल बाद बड़ी घटना को अंजाम किया है. बुधवार की रात शहर के नजदीक स्थित राजपुर थाना क्षेत्र में दो लोगों की हत्या पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर नक्सलियों […]
दिसंबर 2014 में इटखोरी मंदिर के पास विस्फोट कर पुलिस गश्ती दल को निशाना बनाया था
रांची : भाकपा माओवादी के नक्सलियों ने चतरा में दो साल बाद बड़ी घटना को अंजाम किया है. बुधवार की रात शहर के नजदीक स्थित राजपुर थाना क्षेत्र में दो लोगों की हत्या पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर नक्सलियों ने कर दी. राजपुर थाना पहले चतरा सदर थाना क्षेत्र का ही हिस्सा था. घटनास्थल शहर से करीब 17-20 किमी दूर और गया जिले के बाराचट्टी थाना की सीमा के नजदीक है.
इससे पहले दिसंबर 2014 में नक्सलियों ने इटखोरी मंदिर के पास विस्फोट कर पुलिस गश्ती दल को उड़ा दिया था. इस घटना में एक जवान की मौत हो गयी थी, जबकि दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गये थे. इस घटना के बाद भाकपा माओवादी के नक्सली चतरा जिला में किसी घटना को अंजाम नहीं दिया था. पिछले पांच सालों से चतरा जिला में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन टीपीसी का वर्चस्व है.
इसके अलावा इटखोरी घटना के बाद पुलिस ने भी नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया था. इन कारणों से कहा जाने लगा था कि चतरा जिले से नक्सलियों का सफाया हो चुका है. जिले में नक्सलियों की गतिविधि न के बराबर हो गयी है. हालांकि गया जिले से नक्सलियों का दस्ता चतरा जिला में आने की सूचनाएं कभी-कभी आती रहती थी. यही कारण है कि करीब छह माह पहले कान्हाचट्टी थाना क्षेत्र में हुई सोना सिंह भोक्ता नामक व्यक्ति की हत्या में भी माओवादियों के शामिल होने की आशंका व्यक्त की गयी थी.