नक्सल समस्या: निर्भीक प्रचार व शांतिपूर्ण चुनाव कराना बड़ी चुनौती खूंटी जिला सबसे खतरनाक

रांची: खूंटी लोकसभा क्षेत्र में प्रत्याशियों के लिए निर्भीक होकर प्रचार करना और पुलिस के लिए चुनाव कराना मुश्किल और जोखिम भरा काम होगा. केंद्रीय गृह मंत्रलय द्वारा हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, खूंटी जिला देश के नक्सल प्रभावित जिलों में सबसे खतरनाक जिला है. खूंटी लोकसभा क्षेत्र के कुछ हिस्से अड़की, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 25, 2014 7:30 AM

रांची: खूंटी लोकसभा क्षेत्र में प्रत्याशियों के लिए निर्भीक होकर प्रचार करना और पुलिस के लिए चुनाव कराना मुश्किल और जोखिम भरा काम होगा. केंद्रीय गृह मंत्रलय द्वारा हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, खूंटी जिला देश के नक्सल प्रभावित जिलों में सबसे खतरनाक जिला है.

खूंटी लोकसभा क्षेत्र के कुछ हिस्से अड़की, रनिया व कोलेबिरा में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी का राज है, तो कुछ हिस्से खूंटी, तोरपा, सिमडेगा में उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ का. इन इलाकों में दोनों संगठनों के बीच वर्चस्व की लड़ाई में खून-खराबा होता रहता है.

समस्या यह है कि खूंटी जिला में पीएलएफआइ एक खास राजनीतिक पार्टी को समर्थन देता है. भाकपा माओवादी द्वारा अभी किसी पार्टी या प्रत्याशी को समर्थन देने या नहीं देने का फैसला नहीं किया गया है. इससे भी बड़ी बात यह है कि खूंटी लोकसभा क्षेत्र के तोरपा, रनिया, खूंटी, अड़की, सिमडेगा, कोलेबिरा में राजनीतिक गतिविधियां नहीं के बराबर हैं. राजनीतिक दलों से जुड़े लोग जो भी चर्चित हुए, उन्हें खत्म कर दिया गया. खूंटी में हाल ही में राजनीतिक दलों से जुड़े नौ लोगों की हत्या हो चुकी है. क्षेत्र में प्रचार के दौरान प्रत्याशियों को इन इलाके में न सिर्फ दिक्कतें आयेंगी, बल्कि जनसंपर्क के लिए नक्सली-उग्रवादी संगठनों के लोगों पर निर्भर भी रहना पड़ेगा. शांतिपूर्ण चुनाव कराना बड़ी चुनौती होगी.

राजनीतिक दलों से जुड़े लोग मारे गये

20 दिसंबर 2007 : भाजपा नेता रतन घोष की हत्या.

24 दिसंबर 2007 : भाजपा कार्यकर्ता रामलाल की हत्या.

07 मार्च 2011 : भाजपा कार्यकर्ता किशोर साहू की हत्या.

14 अप्रैल 11 : सोनू की हत्या.

वर्ष 2011 : गम्हरिया, अड़की में जेवीएम नेता नवमी मिर्धा की हत्या.

11 नवंबर 2011 : कर्रा में भाजपा नेता संतोष सिंह की हत्या.

14 नवंबर 2011 : भाजपा नेता प्रह्लाद साहू की हत्या.

26 नवंबर 2011 : भाजपा नेता विश्वनाथ गोप की हत्या.

22 अगस्त 2013 : तोरपा में जेवीएम के केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य विजय मुंडू की हत्या.

इस साल की नक्सल घटनाएं

01 जनवरी : खूंटी के दुंगरा गांव में जलिंद्र महतो की गोली मार कर हत्या.

12 जनवरी : खूंटी के सायको रोड में सेरेंगडीह के पास पुलिस से मुठभेड़.

14 जनवरी :खूंटी के लाबेद जंगल में पुलिस व नक्सलियों के बीच मुठभेड़, एक नक्सली मरा.

18 जनवरी : खूंटी के गौड़बेड़ा रोड में पुलिस से मुठभेड़.

09 फरवरी : खूंटी के पीरिहातू गांव में सोहराय स्वांसी की हत्या.

09 फरवरी : खूंटी के रनिया में पीएलएफआइ व माओवादियों के बीच मुठभेड़.

Next Article

Exit mobile version