गिरफ्तार एलआइसी एजेंट ने बदला बयान, कहा कस्टमर का प्रीमियम जमा करने के लिए रखे थे रुपये

रांची: गोंदा थाना की पुलिस ने एलआइसी एजेंट अनूप और ठेकेदार शंकर विश्वकर्मा को शुक्रवार को मजिस्ट्रेट के सामने प्रस्तुत कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. 18 लाख रुपये पुराने नोट के साथ गुरुवार को इन्हें गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार आरोपियों को जेल भेजने से पूर्व ईडी के अधिकारी भी गोंदा थाना पहुंचे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 21, 2017 6:55 AM

रांची: गोंदा थाना की पुलिस ने एलआइसी एजेंट अनूप और ठेकेदार शंकर विश्वकर्मा को शुक्रवार को मजिस्ट्रेट के सामने प्रस्तुत कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. 18 लाख रुपये पुराने नोट के साथ गुरुवार को इन्हें गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार आरोपियों को जेल भेजने से पूर्व ईडी के अधिकारी भी गोंदा थाना पहुंचे और दोनाें से पूछताछ की. गिरफ्तारी के बाद गुरुवार को शंकर विश्वकर्मा और अनिल ने रुपये के बारे में किसी प्रकार की जानकारी होने से इनकार किया था.

उनका कहना था कि रुपये ओरमांझी का रहनेवाला विक्रम नामक एक व्यक्ति लेकर आया था. एक बैग में रुपये कार में छोड़ गया और रुपये से भरा दूसरा बैग अपने साथ लेकर चला गया. शुक्रवार को जेल जाने से पहले एलआइसी एजेंट अनूप ने बताया कि उसे रुपये विभिन्न कस्टमरों ने अपना प्रीमियम जमा कराने के लिए दिया था. जब पुलिस अधिकारियों ने पूछा कि एलआइसी में भी पुराने नोट का चलन बंद हो चुका है, तब उसने पुराने नोट क्यों लिये? किन कस्टमर ने रुपये दिये? इसका जवाब अनूप नहीं दे सका. पुलिस शंकर विश्वकर्मा और अनूप के बयान के आधार पर पहले केस दर्ज कर चुकी थी. इसलिए पुलिस ने बयान बदलने की बात अभी रिकॉर्ड में नहीं लाया है.

ईडी के अधिकारियों ने भी पुलिस को जांच में सहयोग करने का आश्वासन दिया है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि रुपये किसके थे और कहां से आये थे. ईडी के अधिकारियों ने पुलिस अधिकारियों से कहा, अमूमन ऐसे मामले में दो बिंदुओं पर जांच करनी चाहिए. पहला बिंदु रुपये किसी नक्सली के तो नहीं थे, जिसे बदलने के लिए दोनों को जिम्मेवारी सौंपी गयी है. दूसरा आरोपियों के बैंक एकाउंट की जांच करनी चाहिए, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि रुपये किसके थे.

मामले में प्राथमिकी गोंदा थाना प्रभारी इंस्पेक्टर एके द्विवेदी की लिखित शिकायत पर दर्ज की गयी है. जिसमें ओरमांझी में रहनेवाले एक व्यक्ति विक्रम को भी आरोपी बनाया गया है. प्राथमिकी के अनुसार गुरुवार को चांदनी चौक के समीप पुलिस ने एक कार में सवार दो लागों को देखा. उन्हें रुकने के लिए कहा गया. इस पर वे कार स्टार्ट कर भागने का प्रयास करने लगे. जिन्हें अन्य पुलिस कर्मियों के सहयोग से पकड़ा गया. कार की तलाशी लेने पर उसमें से कुल 18 लाख बरामद किये गये. प्राथमिकी के अनुसार दोनों किसी अज्ञात व्यक्ति के जरिये षड्यंत्र के तहत पुराने नोट को बदलने का काम कर रहे थे. इसी क्रम में दोनों रंगेहाथ पकड़े गये.

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