बकोरिया कांड की जांच करने 27 को आयेगी एनएचआरसी की टीम

रांची: आठ जून 2015 की रात पलामू के सतबरवा के बकोरिया में कथित पुलिस मुठभेड़ में 12 लोगों के मारे जाने की घटना की जांच नेशनल ह्यूमन राइट कमीशन (एनएचआरसी) ने शुरू कर दी है. घटना की विस्तृत जांच करने एनएचआरसी की पांच सदस्यीय टीम 27 फरवरी को रांची आयेगी. फिर पलामू जायेगी. टीम कथित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 23, 2017 7:53 AM
रांची: आठ जून 2015 की रात पलामू के सतबरवा के बकोरिया में कथित पुलिस मुठभेड़ में 12 लोगों के मारे जाने की घटना की जांच नेशनल ह्यूमन राइट कमीशन (एनएचआरसी) ने शुरू कर दी है. घटना की विस्तृत जांच करने एनएचआरसी की पांच सदस्यीय टीम 27 फरवरी को रांची आयेगी. फिर पलामू जायेगी. टीम कथित मुठभेड़ में मारे गये लोगों के परिजनों से बात करेगी.

टीम यहां एक सप्ताह तक रहेगी. मामले की जांच अभी सीआइडी कर रही है. करीब 20 माह गुजरने के बाद भी सीआइडी यह स्पष्ट नहीं कर पाया है कि मुठभेड़ असली थी या फरजी.

मारे गये लोगों में एक नक्सली एरिया कमांडर आरके था. आठ लोगों के खिलाफ नक्सली होने के साक्ष्य नहीं मिले. मरनेवालों में एक नाबालिग व दो पारा शिक्षक भी शामिल थे. सात सितंबर 2016 को रांची में आयोजित एनएचआरसी की खुली अदालत में मृतकों के परिजनों ने मामले की शिकायत दर्ज करायी थी.

घटना के करीब साल भर बाद प्रभात खबर को घटना से जुड़ी कुछ तसवीर मिली थी. आठ जून 2016 को प्रभात खबर में इससे संबंधित खबर प्रकाशित हुई थी. तसवीरों से पुलिस की जब्ती सूची और घटनास्थल पर बरामद हथियारों की स्थिति से मुठभेड़ पर सवाल खड़ा हो गया था. मुठभेड़ में मारे गये उदय यादव की तसवीर के निकट एक राइफल व एक लाल रंग की चप्पल पड़ी थी. राइफल में न तो मैग्जीन था और न ही बोल्ट, लेकिन पुलिस ने जब्ती सूची में इस राइफल के चेंबर में एक गोली मिलना और बैरल से बारूद का गंध आना बताया था. इसी तरह पुलिस की जब्ती सूची में स्कॉरपियो की ड्राइविंग सीट से एक तौलिया जब्त करने व उसके ऊपरी हिस्से में खून लगे होने की बात कही गयी थी, लेकिन तसवीर में तौलिया पर कोई खून लगा नहीं दिख रहा था. मृतकों के परिजनों ने ये तसवीरें भी एनएचआरसी को उपलब्ध करायी थी.

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