मामला एनएच पर घायल अधिवक्ता को समय पर इलाज की सुविधा नहीं मिलने का, राज्य सरकार बताये, अधिवक्ता के परिजन को कितना देंगे मुआवजा
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में रांची-हजारीबाग एनएच पर हुई दुर्घटना में घायल अधिवक्ता को समय पर इलाज की सुविधा नहीं मिलने काे लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. एक्टिंग चीफ जस्टिस प्रदीप कुमार मोहंती व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को यह बताने का निर्देश […]
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में रांची-हजारीबाग एनएच पर हुई दुर्घटना में घायल अधिवक्ता को समय पर इलाज की सुविधा नहीं मिलने काे लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. एक्टिंग चीफ जस्टिस प्रदीप कुमार मोहंती व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को यह बताने का निर्देश दिया कि दुर्घटना में मृत अधिवक्ता के परिजन को कितना मुआवजा दिया जायेगा.
माैखिक रूप से कहा कि मुआवजा राशि इतनी हो कि प्रति माह कम से कम पांच हजार रुपये ब्याज केे रूप में मिले, ताकि पीड़ित परिजन का जीवन-यापन हो सके. मुआवजा पर निर्णय लेकर कोर्ट को भी अवगत कराया जाये. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 28 मार्च की तिथि तय की. इससे पहले एमीकस क्यूरी वरीय अधिवक्ता एके कश्यप ने पक्ष रखा.
उन्होंने खंडपीठ को बताया कि सीआरपीसी की धारा-357 (ए) के तहत पीड़ित/पीड़ित परिजन को मुआवजा देेने का प्रावधान है. उल्लेखनीय है कि रांची-हजारीबाग एनएच पर दुर्घटना में घायल अधिवक्ता धर्मेंद्र कुमार को समय पर इलाज की सुविधा नहीं मिली थी. झारखंड हाइकोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.