नौ को चलाये गये विशेष अभियान में 3582 नाम वोटर लिस्ट में जोड़े गये

रांची: वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए फार्म-6 जमा करने की तिथि 16 मार्च तक निर्धारित की गयी है. उपायुक्त सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे ने सभी बीएलओ को निर्देश दिया है कि वे आवेदन प्राप्त कर 20 मार्च 2014 तक नाम जोड़ने का कार्य पूरा करें. श्री चौबे सोमवार को सभी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 11, 2014 7:33 AM

रांची: वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए फार्म-6 जमा करने की तिथि 16 मार्च तक निर्धारित की गयी है. उपायुक्त सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे ने सभी बीएलओ को निर्देश दिया है कि वे आवेदन प्राप्त कर 20 मार्च 2014 तक नाम जोड़ने का कार्य पूरा करें.

श्री चौबे सोमवार को सभी विधानसभा क्षेत्रों के सभी बूथों पर नाम जोड़े जानेवाले मतदाताओं की जानकारी बीडीओ व सीओ से ले रहे थे. नौ मार्च को वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने व त्रुटि सुधारने के लिए चलाये गये विशेष अभियान में कुल 3582 नाम जोड़े गये. इनमें हटिया में 189, लापुंग में 100, बुंडू में 800, कांके में 184, खलारी में 157, मांडर में 145, बेड़ो में 324, इटकी में 485, राहे में 147, नगड़ी में 157, रातू में 534 तथा ओरमांझी में 360 नाम जोड़े गये.

सभी बीएलओ द्वारा 10 मार्च को भी सभी बूथों में मतदाताओं का नामांकन किया जा रहा है. उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जो भी मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट (आचार संहिता) का उल्लघंन करते हैं, उन पर त्वरित कार्रवाई करते हुए प्राथमिकी दर्ज करायें. उपायुक्त ने कहा है कि फार्म-7 भरे जानेवाले मतदाताओं का नाम डिलिट नहीं करें, बल्कि उक्त नाम को एएसडी लिस्ट में डालें. इसके अलावा वैसे मतदान केंद्र जो भवनहीन हैं या फिर जजर्र हैं, उक्त मतदान केंद्र को बदलने का प्रस्ताव देने का निर्देश दिया गया है.

बैठक में उप विकास आयुक्त, एडीएम नक्सल, विशिष्ट अनुभाजन पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी, उप निर्वाचन पदाधिकारी सहित सभी बीडीओ, सीओ व बाल विकास पदाधिकारी उपस्थित थे. इधर, वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने व त्रुटि सुधारने का काम 10 मार्च को भी जारी रहा.

प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज करायी
उपायुक्त विनय कुमार चौबे ने लोकसभा चुनाव को लेकर सभी सीओ व बीडीओ के साथ सोमवार को बैठक की. इस दौरान उन्होंने उनसे पूछा कि आचार संहिता उल्लंघन के कितने मामले आये हैं? अधिकारियों ने बताया कि सारे बैनर पोस्टर हटा दिये गये हैं. डीसी ने पूछा कि अगर बैनर-पोस्टर लगा था, तो प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं हुआ?. आचार संहिता उल्लंघन का मामला शून्य क्यों है? उन्होंने बारी-बारी से सारे अधिकारियों से मतदाताओं के लिए चलाये जा रहे कैंप के बारे में भी जानकारी ली. फार्म-6 व फार्म-7 के बारे में भी उन्होंने जानकारी ली. उन्होंने कहा सारी जानकारी एसएमएस के जरिये दें. कैंप के दौरान आपने कितने स्कूलों का निरीक्षण किया.

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