मुख्यमंत्री रघुवर दास 14 मर्इ को करेंगे अनुज सिन्हा की पुस्तकों का विमोचन
रांची : प्रभात खबर के वरिष्ठ संपादक अनुज कुमार सिन्हा द्वारा लिखित पुस्तकों का विमोचन दिनांक 14 मर्इ, 2017, दिन रविवार को रांची के मोरहाबादी स्थित आर्यभट्ट सभागार में प्रातः 11 बजे होगा. इन पुस्तकों में ‘अनसंग हीरोज आॅफ झारखंड मूवमेंट’, ‘झारखंड : राजनीति आैर हालात’ एवं ‘बरगद बाबा का दर्द’ शामिल हैं. इन पुस्तकों […]
रांची : प्रभात खबर के वरिष्ठ संपादक अनुज कुमार सिन्हा द्वारा लिखित पुस्तकों का विमोचन दिनांक 14 मर्इ, 2017, दिन रविवार को रांची के मोरहाबादी स्थित आर्यभट्ट सभागार में प्रातः 11 बजे होगा. इन पुस्तकों में ‘अनसंग हीरोज आॅफ झारखंड मूवमेंट’, ‘झारखंड : राजनीति आैर हालात’ एवं ‘बरगद बाबा का दर्द’ शामिल हैं. इन पुस्तकों का लोकार्पण झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास करेंगे. कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यसभा सांसद व वरिष्ठ पत्रकार हरिवंश करेंगे. वहीं, कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रभात खबर के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी होंगे.
अनुज कुमार सिन्हा ने पुस्तक के माध्यम से झारखंड को एक अलग नजरिये से देखने का प्रयास किया है. ‘अनसंग हीरोज आॅफ झारखंड मूवमेंट’ नामक पुस्तक झारखंड राज्य की स्थापना को लेकर किये गये आंदोलन की गाथा है. यह अलगझारखंड राज्य के निर्माण में शहीद हुए अनगिनत नायकों को एक श्रद्धांजलि है. छह खंडों में लिखित इस पुस्तक में अनगिनत नायकों, क्रांतिकारियों, गैर-आदिवासी क्रांतिकारियों, आंदोलन में महिलाआें आैर छात्र संघों की भूमिका के साथ-साथ लोगों की दुर्दशा, स्वास्थ्य सुविधा का अभावकेसाथ-साथ प्राकृतिक कारणों या दुर्घटनाआें पर भी उन्होंने बखूबी प्रकाश डाला है.
वहीं, ‘झारखंड : राजनीति आैर हालात’ नामक किताब में राज्य के हालात, समस्या, व्यवस्था आैर कार्य संस्कृति से जुड़ी टिप्पणियां हैं. इस किताब में अधिकतर घटनाएं राजनीति से जुड़ी हैं. चाहे वह सरकार बनाने-गिराने का खेल हो, या फिर कानून व्यवस्था की गड़बड़ी,उन्होंनेअपनीलेखनी से राज्य के कर्इ मुद्दों को उजागर करने का प्रयास किया है.
‘बरगद बाबा का दर्द’ नामक पुस्तक में लेखक ने कहानी के माध्यम से पर्यावरण की महत्ता बताने का प्रयास किया है. इस कहानी के मुख्य पात्र बरगद बाबा हैं, जो एक यात्री को कहानी सुनाते हैं किकिसतरह झारखंड में पेड़ काटे जा रहे हैं, जंगल कैसे नष्ट होते जा रहे हैं. पहाड़ों को कैसे खत्म किया जा रहा है. जंगली जानवरों आैर पशु-पक्षियों का जीवन कैसे संकट में पड़ गया है. नदियां कैसे प्रदूषित होती जा रही हैं. पुस्तक के माध्यम से बरगद बाबा ने अपनी पीड़ा उजागरकी है. यही नहीं, बरगद बाबा कहानी के जरिये, उदाहरण देकर और घटनाओं का जिक्र करते हुए उसे समाज की मूल समस्या से जोड़ते हैं. साथ ही समस्या का समाधान भी बताते हैं. बरगदबाबा बताते हैं कि कैसे पानी को बचाएं, खेती कैसे करें और पर्यावरण की रक्षा कैसे करें.