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मैनहर्ट मामलेे की एसीबी जांच, सीएम की मंजूरी

सिवरेज ड्रेनेज निर्माण के लिए मैनहर्ट कंपनी को परामर्शी बनाने में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) करेगा.

रांची : सिवरेज ड्रेनेज निर्माण के लिए मैनहर्ट कंपनी को परामर्शी बनाने में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) करेगा. गुरुवार की देर शाम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसकी अनुमति दे दी है. अब एसीबी पीइ दर्ज कर पड़ताल शुरू करेगी.

एसीबी ने मंत्रिमंडल, निगरानी व सचिवालय विभाग के सचिव को पत्र लिख कर जांच की स्वीकृति मांगी थी. रांची में सिवरेज-ड्रेनेज निर्माण का डीपीआर तैयार करने के लिए परामर्शी के रूप में मैनहर्ट का चयन किया गया था. मामले में 31 जुलाई को विधायक सरयू राय ने एसीबी में आवेदन देकर जांच की मांग की थी. श्री राय ने मैनहर्ट को परामर्शी नियुक्त करने के लिए तत्कालीन नगर विकास मंत्री रघुवर दास व पूर्व मुख्य सचिव राजबाला वर्मा सहित अन्य के खिलाफ जांच का अनुरोध किया था.

क्या है आरोप : विधायक सरयू राय ने मैनहर्ट की नियुक्ति में नगर विकास मंत्री रहते हुए रघुवर दास पर गड़बड़ी का आरोप लगाया है. उन्होंने 18 बिंदुओं पर जांच की मांग करते हुए कहा था कि 17 अगस्त 2005 को मैनहर्ट को परामर्शी बनाने का अनुचित आदेश दिया गया. मैनहर्ट को लाभ पहुंचाने के लिए टेंडर की शर्तों में बदलाव किये गये.

श्री राय ने नगर निगम और मैनहर्ट के बीच समझौते को भी अनुचित बताया है. उन्होंने 2009 में निगरानी आयुक्त रही राजबाला वर्मा पर भी गंभीर अारोप लगाये हैं. कहा है कि मामले की जांच के लिए तत्कालीन आइजी एमवी राव ने पांच बार निगरानी आयुक्त से जांच की अनुमति मांगी थी. लेकिन अनुमति नहीं दी गयी. श्रीमती वर्मा ने निगरानी ब्यूरो के बजाय निगरानी विभाग के तकनीकी परीक्षण कोषांग को जांच का आदेश देकर षड्यंत्र में सक्रिय भूमिका निभायी और लोकसेवक के आचरण के विरुद्ध काम किया.

posted by : sameer oraon

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