रांची : जेएसएससी सीजीएल परीक्षा पेपर लीक मामले में पुलिस को आरंभिक जांच में कुछ अहम तथ्य मिले हैं. जानकारी मिली है कि प्रश्न पत्र बेचने और परीक्षा पास कराने में जो डील हुई थी, उसमें दलालों ने विद्यार्थियों के शैक्षणिक प्रमाणपत्र अपने पास सुरक्षा के तौर पर रख लिये थे. पैसा देने के बाद छात्रों को उनका शैक्षणिक प्रमाण पत्र लौटाना था. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, पेपर लीक की पूरी योजना पटना में तैयार हुई थी या रांची में. इसके बारे पता लगाया जा रहा है. यह अनुसंधान के बाद ही पुलिस के लिए स्पष्ट हो पायेगा. पुलिस ने बुधवार को छापेमारी के बाद इस केस में दो संदिग्धों को नगड़ी से हिरासत में लिया था. इन दोनों से पुलिस की पूछताछ जारी है. दोनों बिहार भागने वाले थे.
इधर, दो अन्य लोगों की तलाश में पुलिस की एक टीम को पटना भेजा गया है. पुलिस के अनुसार, पेपर लीक का मामला सुनियोजित था. इसके लिए पहले से योजना तैयार कर छात्रों को परीक्षा पास कराने के नाम पर दलालों के द्वारा संपर्क किया जा रहा था. पुलिस को इस केस में कुछ अन्य लोगों की संलिप्तता की जानकारी मिली है, जिसके बारे पुलिस सत्यापन कर रही है.
अखिल झारखंड छात्र संघ (आजसू) 15 फरवरी को राज्यपाल के नाम राज्य के सभी जिलों के उपायुक्त को ज्ञापन सौंपेगा. इसके माध्यम से जेएसएससी सीजीएल परीक्षा पत्र लीक मामले की जांच सीबीआइ से कराने व दोषियों पर कार्रवाई की मांग की जायेगी. वहीं, 17 फरवरी को राजभवन के समक्ष धरना दिया जायेगा. संघ के प्रदेश अध्यक्ष ओम वर्मा ने कहा कि इस मामले में एनएसयूआइ के प्रदेश अध्यक्ष का बयान छात्र विरोधी है
Also Read: जेएसएससी सीजीएल परीक्षा पेपर लीक केस: एसआईटी की पलामू में छापेमारी, तीन युवक हिरासत में