दोपहर तक उमस भरी गरमी, शाम में झमाझम बारिश

बोकारो: सोमवार की सुबह से गरमी ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया. रविवार देर शाम से शुरू पुरवइया ने मौसम में उमस वाली गरमी घोल दी. असर ऐसा हुआ कि हर कोई उफ्फ बोलने को विवश हो गया. तापमान रविवार के मुकाबले तीन डिग्री कम जरूर था. लेकिन, आद्रता के कारण गरमी का अहसास […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 6, 2017 9:34 AM
बोकारो: सोमवार की सुबह से गरमी ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया. रविवार देर शाम से शुरू पुरवइया ने मौसम में उमस वाली गरमी घोल दी. असर ऐसा हुआ कि हर कोई उफ्फ बोलने को विवश हो गया. तापमान रविवार के मुकाबले तीन डिग्री कम जरूर था. लेकिन, आद्रता के कारण गरमी का अहसास ज्यादा हो रहा था. दोपहर तक ऐसा आलम था. गरमी से बेहाल लोग शाम का इंतजार कर ही रहे थे कि बादलों ने घुमक्कड़ प्रवृत्ति दिखायी. बादलों की रंगत काली होने लगी.
सोमवार को अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. दोपहर एक बजे तक हवा की गति दो किमी प्रतिघंटा रिकॉर्ड की गयी. हवा लगभग थमी रफ्तार में होने के कारण गरमी ने कड़ा इम्तिहान लिया. लेकिन, तीन बजते-बजते हवा की रफ्तार 45-50 किमी प्रतिघंटा हो गयी. बादल गरज कर सूर्य की हार का डंका बजाने लगा. बारिश शुरू हो गयी. लगभग 45 मिनट की झमाझम बारिश ने गरमी से राहत दी.
धरे के धरे रह गये संसाधन
पुरवइया की मार ऐसा कि भौतिक सुख के संसाधन धरे के धरे रह गये. पंखा हवा देना भूल गया, वहीं एयर कंडिशनर कंडिशन अप्लाई कहने लगा. फ्रिज तो फीलिंग देना ही भूल गया. गरमी की मार ऐसी कि बंद कमरे में लोग रहना नहीं चाह रहे थे, बाहर निकलने के बाद राहत के नाम पर सिर्फ कुछ पल मिल रहा था. साथ अगर मिल रहा था, तो पसीना का. पसीना जो शरीर का साथ छोड़ने का तैयार ही नहीं हो रहा था. बाजार भी गरमी के कारण सुनसान ही देखा गया.
… और लोगों की बात भगवान ने मान ली
गरमी के कारण लोग परेशान थे. पसीना से शरीर तर-बतर था. हर किसी की जुबान पर इंद्रदेव का नाम था. लेकिन, सूर्य देव की तपिश के आगे इंद्रदेव बेबस दिख रहे थे. आखिर गरमी से परेशान लोगों की फरियाद सुन ली गयी. दोपहर 03:25 हवा अपने साथ बादलों की सेना लेकर आगे बढ़ी. बिजली की तलवार से सूर्य के सामने आंख तरेरा गया. इसके बाद बुंदों का बाण चलाना शुरू हुआ. अंतत: सूर्य की तपिश को पूरी तरह हार मानना पड़ा.

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