साम्यवादी व मानवतावादी विचारधारा के थे डॉ एके झा
पेटरवार: खोरठा एवं हिन्दी भाषा के रचनाकार एवं मौसम विज्ञान के क्षेत्र में धरा-गगन सिद्धांत के प्रणेता डॉ अजीत कुमार झा का जन्म कसमार प्रखंड अंतर्गत चंडीपुर गांव में 20 जून 1939 ई में हुआ था. इनकी माता का नाम कुसुमबाला देवी एवं पिता का नाम लक्ष्मी नारायण झा था़ इन्होंने पेटरवार व रांची विश्वविद्यालय […]
पेटरवार: खोरठा एवं हिन्दी भाषा के रचनाकार एवं मौसम विज्ञान के क्षेत्र में धरा-गगन सिद्धांत के प्रणेता डॉ अजीत कुमार झा का जन्म कसमार प्रखंड अंतर्गत चंडीपुर गांव में 20 जून 1939 ई में हुआ था. इनकी माता का नाम कुसुमबाला देवी एवं पिता का नाम लक्ष्मी नारायण झा था़ इन्होंने पेटरवार व रांची विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण किया़ 1969 में डुमरी टांगरडीह उच्च विधालय गुमला जिला में विज्ञान शिक्षक के रूप में योगदान दिया़ जिन्होंने 1974 तक कार्य किया. उसके बाद 1975 में पीटीपीएस में योगदान दिये और 2002 में सेवानिवृत्त हुये.
वे साम्यवादी एवं मानवतावादी विचारधारा के थे. डॉ़ ए के झा कम्युनिष्ट के कार्यक्रमों में भाग लिया करते थे़ वे मौसम के पूर्वानुमान से किसानों को विशेष तौर पर जागरूक और शिक्षित किया करते थे़ इनका निधन पेटरवार स्थित आवास में गत 29 सितम्बर 2013 दिन रविवार को हो गयी़.
खोरठा में रचनाएं : खोरठा सदानिक व्याकरण, खेरठा काढ़े पइरेक खंडी कविता संग्रह, खोरठा काढे गइदेक खंडी-निबंध संग्रह, समाजेक सरजूइत निसइन- प्रबंध काव्य, कविता पुरान-बाल कविता, मेकामेकी ना मेटमाट-नाटक, सइर सगरठ-उपन्यास, सकारन रामायण-कविता, खोरठा छंदरस, अलंकार, झारखंडी भाषा संस्कृति के विभिन्न पहलुओं पर विचार सहित विभिन्न पुस्तकें.
हिन्दी रचनाएं : मंगल पर-मौसम विज्ञानी पुस्तक, कविताएं कल और आज की, अब तक संपादन- तितकी पत्रिका, एक टोकरी फूल-लोकगीत, खोरठा लोक कथा- संग्रह, खोरठा गद्य पद संग्रह, एक डाइर जिरहुल फूल-गद्य पद संग्रह, दुडाइर परास फूल-गद्य पद संग्रह, खोरठा लोक साहित्य संग्रह आदि.