प्रभात खबर आपके द्वार. मुखिया के आवास पर पंचायत का कार्य

चास: चास प्रखंड क्षेत्र के नावाडीह पंचायत में पंचायती राज व्यवस्था विफल है. यहां का पंचायत सचिवालय पिछले पांच वर्षों से खुला ही नहीं है. पंचायतों का सारा काम मुखिया के आवास पर ही होता है. पंचायत भवन बंद रहने से ग्राम सभा करने में काफी परेशानी आती है. ग्राम सभा के नाम पर सिर्फ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 18, 2017 12:03 PM

चास: चास प्रखंड क्षेत्र के नावाडीह पंचायत में पंचायती राज व्यवस्था विफल है. यहां का पंचायत सचिवालय पिछले पांच वर्षों से खुला ही नहीं है. पंचायतों का सारा काम मुखिया के आवास पर ही होता है. पंचायत भवन बंद रहने से ग्राम सभा करने में काफी परेशानी आती है. ग्राम सभा के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है.

कहने को तो राज्य में सात वर्षों से पंचायत राज व्यवस्था लागू है, लेकिन नावाडीह पंचायत में अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के उदासीन रवैये के कारण यहां पंचायत राज व्यवस्था दम तोड़ रहा है. गौरतलब हो कि वित्तीय वर्ष 2011-12 में नावाडीह पंचायत स्थित फुदनीडीह में 12 लाख 69 हजार की लागत से एक तल्ला पंचायत भवन का निर्माण विशेष प्रमंडल द्वारा कराया गया था. वहीं वित्तीय वर्ष 2012-13 में आठ लाख की लागत से दूसरा तल्ला का निर्माण कराया गया. पंचायत भवन का निर्माण तो हुआ लेकिन आज तक पंचायत सचिवालय का दरवाजा नहीं खुला. पंचायत सचिवालय नहीं खुलने से आसपास में झाड़ियों का साम्राज्य स्थापित हो गया है.

वहीं पंचायत भवन भी जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है. सोमवार को नावाडीह पंचायत स्थित डुमरजोर में ‘प्रभात खबर आपके द्वार’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें डुमरजोर सहित पंचायत के अन्य गांवों के लोगों ने खुलकर अपनी समस्याओं को रखा. लोगों ने बताया कि पंचायत भवन नहीं खुलने से आम जनता को काफी परेशानी होती है. वहीं सरकारी योजनाओं की जानकारी समय पर नहीं मिल पाती है.

खुले में शौच जाते हैं लोग : स्वच्छ भारत अभियान के तहत पंचायत में शौचालय का निर्माण तो कराया जा रहा है, लेकिन शौचालयों का निर्माण कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है. अभी तक सिर्फ 76 लाभुकों का ही शौचालय निर्माण हो पाया है. जबकि इस पंचायत में 505 लाभुकों को शौचालय का लाभ देना है. शौचालय कार्य प्रगति पर नहीं होने के कारण लोग खुले में ही शौच जाने को विवश हैं. वहीं दूसरी ओर जरूरतमंदों को आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसके कारण ग्रामीणों में आक्रोश का माहौल है.

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