एक भी साइबर अपराधी को नहीं पकड़ सकी पुलिस

बोकारो: बोकारो जिले में साइबर अपराधियों ने सात माह में 38 मामलों में करीब 28 लाख रुपये उड़ा लिये हैं. ऐसा नहीं है कि ऐसी घटनाएं केवल कम पढ़े-लिखे या घरेलू महिलाओं के साथ ही हो रही है. साइबर अपराधी शिक्षित लोगों को भी झांसा दे ठगी कर रहे हैं. दूसरी तरफ पुलिस मामले को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 7, 2017 10:06 AM
बोकारो: बोकारो जिले में साइबर अपराधियों ने सात माह में 38 मामलों में करीब 28 लाख रुपये उड़ा लिये हैं. ऐसा नहीं है कि ऐसी घटनाएं केवल कम पढ़े-लिखे या घरेलू महिलाओं के साथ ही हो रही है. साइबर अपराधी शिक्षित लोगों को भी झांसा दे ठगी कर रहे हैं. दूसरी तरफ पुलिस मामले को सूत्रहीन बता केस की फाइल बंद कर दे रही है. पुलिस ने अब तक एक भी साइबर अपराधी को नहीं पकड़ा है और न ही किसी मामले का उद्भेदन कर पायी है. एसपी भी इस बात से इत्तेफाक रखते हैं.
कैसे-कैसे होती है ठगी
ठगी का एक तरीका : साइबर अपराधी विभिन्न बैंक के एटीएम के पास खड़े होकर मौके की तलाश में रहते हैं. मौका मिलते ही वह बैंक ग्राहकों को रुपया निकालने में मदद करने का झांसा देकर उनका एटीएम बदल देते हैं और एटीएम का पिन की जानकारी प्राप्त कर लेते हैं. इसके बाद अपराधी किसी अन्य बैंक के एटीएम, ज्वेलरी शॉप, ऑन लाइन शॉपिंग के जरिये खाते से चंद मिनट में रुपये गायब कर देते हैं.
ठगी का दूसरा तरीका : आम लोगों के मोबाइल पर फोन कर जालसाज उन्हें झांसा देता है कि वह बैंक से बोल रहा है. ग्राहक का खाता आधार से लिंक नहीं है या एटीएम की वैधता समाप्त होने वाली है. इसके बाद साइबर अपराधी एटीएम व बैंक खाता की गुप्त जानकारी हासिल कर लेता है. इसके बाद ट्रांजेक्शन से पूर्व लोगों के मोबाइल पर बैंक द्वारा भेजे गये वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) भी पूछ लेता है. ओटीपी बताते ही खाते से कुछ ही सेकेंड में रुपये गायब हो जाते हैं.

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