”पहले लाठी खाकर नौकरी दिलाये थे, अब गोली खाकर दिलायेंगे”

बोकारो: 2006 में 15 लाठी खाकर विस्थापितों को अप्रेंटिस की बहाली करायी थी, वर्तमान में 15 गोली खाने के लिए तैयार हूं. लेकिन, विस्थापितों को अधिकार से वंचित नहीं होने दिया जायेगा. यह बात विस्थापित संघर्ष मोरचा के गुलाब चंद्र ने कही. बुधवार को झारखंड नवनिर्माण सेना व विस्थापित संघर्ष मोरचा ने अगस्त क्रांति दिवस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 10, 2017 11:27 AM
बोकारो: 2006 में 15 लाठी खाकर विस्थापितों को अप्रेंटिस की बहाली करायी थी, वर्तमान में 15 गोली खाने के लिए तैयार हूं. लेकिन, विस्थापितों को अधिकार से वंचित नहीं होने दिया जायेगा. यह बात विस्थापित संघर्ष मोरचा के गुलाब चंद्र ने कही. बुधवार को झारखंड नवनिर्माण सेना व विस्थापित संघर्ष मोरचा ने अगस्त क्रांति दिवस सह बीएसएल का 66वां अधिसूचना दिवस मनाया. मांग यात्रा निकाली गयी, जो नयामोड़ स्थित बिरसा भवन से शुरू होकर गांधी चौक- 04 पहुंची.

श्री गुलाब बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे. कहा : प्रबंधन योग्यता के अनुसार 20 हजार विस्थापितों को नियोजन दे. जल्द से जल्द द्विपक्षीय वार्ता कर निदान की दिशा में पहल करे. ऐसा नहीं होने पर मोरचा महाप्रबंधक (कार्मिक) के आवास का घेराव करेगी. कहा : अगस्त के अंत तक सकारात्मक पहल नहीं होने की स्थिति में सितंबर से मोरचा आर्थिक नाकेबंदी करेगी. बीएसएल का तैयार माल बाहर नहीं जाने दिया जायेगा. महासचिव सुधीर कुमार हेंब्रम ने कहा : विस्थापितों के साथ अन्याय कर प्रबंधन चैन की सांस नहीं ले सकता है. सुरक्षा के मद्देनजर सुरक्षा बल की तैनाती बीएसएल एडीएम भवन के पास किया गया था.
ये है मांग : योग्यता के अनुसार 20 हजार विस्थापितों को नियोजन मिले, बीएसएल के अंतर्गत सभी प्राइवेट कंपनी में विस्थापितों को रोजगार मिले, अप्रेंटिस के लिए आवेदन की उम्रसीमा 40 वर्ष की जाये, अप्रेंटिस करने वाले विस्थापितों को नियोजन मिले, आइआइटी से उत्तीर्ण विस्थापितों को रोजगार दिया जाये. धीरेंद्र नाथ गोस्वामी, सहदेव साव, सरोज महतो, बबीता देवी, विनीता देवी, मथन महतो, गणेश चंद्र दे, रामप्रवेश हंसदा, बीरबल मरांडी, विनय कुमार सिंह, गुलाब नापित, कालीचरण गोस्वामी समेत कई मौजूद थे.

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