15 माह में टूट गयी 17 करोड़ से बनी सड़क

बोकारो : बोकारो जिला में दो अनुमंडल है. पहला चास व दूसरा बेरमो. दोनों को एक-दूसरे से जोड़ने का काम जैनामोड़-फुसरो सड़क करती है. बोकारो को गिरिडीह व देवघर से भी यह सड़क जोड़ती है. वर्तमान में सड़क की स्थिति दयनीय है़ स्थिति ऐसी कि कहीं चार इंच की गहराई, तो कहीं 12 इंच की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 12, 2017 5:50 AM

बोकारो : बोकारो जिला में दो अनुमंडल है. पहला चास व दूसरा बेरमो. दोनों को एक-दूसरे से जोड़ने का काम जैनामोड़-फुसरो सड़क करती है. बोकारो को गिरिडीह व देवघर से भी यह सड़क जोड़ती है. वर्तमान में सड़क की स्थिति दयनीय है़ स्थिति ऐसी कि कहीं चार इंच की गहराई, तो कहीं 12 इंच की गहराई इसकी सुदंरता पर दाग लगा रही है. शायद ही कोई चालक टॉप गियर में इस सड़क से सफर पूरा कर सके. तुपकाडीह मुख्य बाजार के समीप हालत यह है कि वाहन चलते नहीं,

बल्कि रेंगते हैं. पिछरी के पास तो वाहन चलाना ही चुनौती भरा है. बरसात होने की स्थिति में सड़क डोभा का रूप धारण कर लेती है. सड़क की खूबी यह है कि हर दो साल में इसकी मरम्मत किसी न किसी रूप में होती है. अप्रैल 2016 में इसकी मरम्मत की गयी थी. इसकी लागत 17 करोड़ थी. संजय कंस्ट्रक्शन को मरम्मत कार्य का जिम्मा दिया गया था. मरम्मत कार्य की मजबूती का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मात्र 15 माह में सड़क दोबारा मरम्मत मांग रही है. इससे पहले सितंबर 2016 में तांतरी के पास सड़क के पास गड्ढा बन गया था.

जैनामोड़ को फुसरो से जोड़ती है सड़क, अप्रैल 2016 में हुई थी मरम्मत
बारिश को माना जा रहा है जिम्मेदार निर्माता कंपनी पर मरम्मत का दबाव
सड़क टूटने के पीछे बारिश को जिम्मेदार माना जा रहा है. पथ
प्रमंडल
बोकारो : के कार्यपालक अभियंता सुरेंद्र प्रसाद की माने तो जुलाई माह में भारी बारिश के कारण सड़क टूटी है. अलकतरा व गिट्टी-चिप्स से बनी सड़क पर बारिश का असर ज्यादा होता है. बताया : निर्माता कंपनी के साथ सिर्फ एक साल के लिए मरम्मत का कांट्रेक्ट था. जो पूरा हो गया है. बावजूद इसके निर्माता कंपनी से दोबारा मरम्मती कार्य करवाया जायेगा. कंपनी भी राजी हो गयी है.
दो माह के बाद बदलेगी सड़क की तकदीर : फुसरो-जैनामोड़ सड़क की तकदीर जल्द बदलने वाली है. सड़क को फॉर लेन का शक्ल दिया जायेगा. यह सड़क जैनामोड़ को डुमरी तक जोड़ेगी. दो माह के अंदर इसका नोटिफिकेशन जारी होगा. लगभग 600 करोड़ की लागत से बनने वाली सड़क स्टेट हाइवे ऑथोरिटी ऑफ झारखंड के अधीन आयेगा. 65 किलोमीटर लंबे इस सड़क को ग्लोबल टेंडर नियम के अनुसार बनाया जायेगा. सड़क के साथ एक ओवरब्रिज व दो पुल का निर्माण भी होगा. कई मोड़ को खत्म किया जायेगा.

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