उग हो सुरुज देव भइले अरघ के बेर..
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उदीयमान भगवान भास्कर को श्रद्धालुओं ने दिया अर्ध्य
बोकारो : उगते सूर्य को अर्ध्य देने के साथ सूर्योपासना का पर्व चैती छठ रविवार को संपन्न हो गया. उग हो सुरुज देव भइले अरघ के बेर.. छठ गीत के साथ छठ व्रतियों ने भगवान भास्कर से शीघ्र उगने की गुहार लगायी. भगवान ने भी गुहार सुनी. पूरब दिशा की ओर लालिमा दिखने लगी. घाट पर अचानक चहलकदमी बढ़ गयी. व्रतियों ने उगते सूर्य की पूजा-अर्चना की. फल-फूल व गौ दूध से अर्ध्य दिया. हवन किया. उसके बाद प्रसाद का वितरण किया गया.
दीर्घायु होने की कामना
रविवार को अहले सुबह छठ व्रती टूटेन गार्डेन, सिटी पार्क, जगन्नाथ मंदिर, सूर्य सरोवर, गरगा नदी, गरगा डैम, सोलागडीह तालाब सहित चास-बोकारो के अन्य छठ घाटों पर पहुंचें. श्रद्धा और विश्वास के साथ भगवान सूर्य की उपासना की. पुत्र व पति के दीर्घायु होने की कामना की. पारिवारिक सुख व शांति मांगा. घाट पर अर्ध्य देने के लिये श्रद्धालुओं में होड़ मची हुई थी.
खत्म हुआ निर्मल उपवास : घाट पर छठ का प्रसाद ‘ठेकुआ’ लेने के लिये भीड़ उमड़ पड़ी. श्रद्धालुओं ने छठ व्रतियों के पांव छू कर आशीर्वाद लिया. महिलाएं छठ गीत गाते हुए घर वापस लौटी. कई व्रती लौटते समय मंदिर भी गयी. इसके बाद घर में भी पूजा-पाठ किया. उसके बाद पारण किया. इसके साथ 36 घंटे का निर्मल उपवास खत्म हुआ.