पार्ट टाइम जॉब और हमेशा अव्वल
बोकारो: पिछली बार मैट्रिक की रिजल्ट के बाद अखबारों के दफ्तरों में यह टॉपर अपनी रिजल्ट लेकर आया था. इस बार इंटर की रिजल्ट के बाद फिर से अखबार के दफ्तर आया, तो उससे पूछा गया ‘क्या इस बार भी..’ जवाब था ‘जी भैया इस बार भी अपने कॉलेज का टॉपर हूं.’ आनंद सोनाटांड़ जैसी […]
बोकारो: पिछली बार मैट्रिक की रिजल्ट के बाद अखबारों के दफ्तरों में यह टॉपर अपनी रिजल्ट लेकर आया था. इस बार इंटर की रिजल्ट के बाद फिर से अखबार के दफ्तर आया, तो उससे पूछा गया ‘क्या इस बार भी..’ जवाब था ‘जी भैया इस बार भी अपने कॉलेज का टॉपर हूं.’ आनंद सोनाटांड़ जैसी तंग गलियों में रहने वाले एक बोरा सीने वाले का बेटा अपना गुजारा नया मोड़ में मैगजीन की दुकान में काम कर के चलाता है.
चंद सौ रुपये इसके पढ़ाई के साथ-साथ पूरे बजट का खर्च है. आरबीएस इंटर कॉलेज सेक्टर-12 के इस गुदरी के लाल से बेहतरीन प्रदर्शन किसी ने नहीं किया है. पिता कन्हैया लाल के भाव ऐसे हैं, जैसे मेरे बेटे को तो अव्वल आना ही था.
मां नीलम देवी अपने बच्चे की नजर उतारते नहीं थक रहीं. आनंद आरबीएस कॉलेज में साइंस लेकर पढ़ाई कर रहा था. इसे पूरे स्कूल में सबसे ज्यादा नंबर 70.8 फीसदी आये हैं. इसे एनआइटी से ऑटो मोबिल इंजीनियरिंग करना है.