देश के टॉप 05 में शामिल रंगकर्मी सलीम राजा बोकारो में, बोले कला की भूख शांत करते हैं रंगकर्मी

बोकारो : रंगकर्मी कला की अपनी भूख को शांत करने के लिए नाटक का मंचन करते हैं. नाटक एक नशा है, जिसमें कलाकार ख्याति व आय को दरकिनार कर देता है. नाट्यकार को सिर्फ मंच से मतलब होता है, दर्शक दीर्घा की उपस्थिति कलाकार के लिए मायने नहीं रखता. यह बात देश के टॉप 05 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 5, 2017 10:29 AM
बोकारो : रंगकर्मी कला की अपनी भूख को शांत करने के लिए नाटक का मंचन करते हैं. नाटक एक नशा है, जिसमें कलाकार ख्याति व आय को दरकिनार कर देता है. नाट्यकार को सिर्फ मंच से मतलब होता है, दर्शक दीर्घा की उपस्थिति कलाकार के लिए मायने नहीं रखता. यह बात देश के टॉप 05 (इंडिया टूडे पत्रिका का सर्वे) नाट्यकर्मी में शामिल सलीम राजा ने कही. सलीम ने सोमवार को बोकारो में ज्योर्तिमय डे की लघु कथा संग्रह किताब प्रेरणा का विमोचन किया. नाट्य जगत की वर्तमान स्थिति को इंगित करते हुए प्रभात खबर से बात की.
नाटक का मतलब स्थायित्व : सलीम ने बताया : नाटक का स्थायित्व को दर्शाता है. नाट्यमंच से जुड़ा कलाकार बॉलीवुड से लेकर अन्य जगत में बुलंदी से आगे बढ़ता है. कहा : चुनौती हर पेशे में है, लेकिन चुनौती से आगे लड़ने का काम पेशेवर का ही होता है. कहा : यह सच है कि मनोरंजन के आयाम में बदलाव हुआ है, लेकिन यह पहली बार नहीं हुआ है. कृष्ण युग से नाटक चल रहा है, आगे भी चलता रहेगा. वास्तविकता से परिचय कराने वाला नाटक कभी खत्म नहीं होने वाला है. यह एक धरोहर है, जो समय के साथ स्वयं ही टैलेंट को खोज लेता है.
कन्या भ्रूण हत्या आधारित नाटक का मंचन आज : सलीम ने बताया : सेक्टर 05 स्थित बोकारो क्लब में मंगलवार को कन्या भ्रूण हत्या पर आधारित नाटक का मंचन किया जायेगा. दी क्लब इंडिया की ओर से आयोजित अखिल भारतीय प्रतियोगिता में अस्मिता के प्रश्न नामक नाटक का मंचन होगा. बताया : प्रतिमा सिन्हा लिखित नाटक में नारी के अस्तित्व, समानता, संघर्ष व सफलता को दिखाया जायेगा. नाटक के जरिये बताया जायेगा कि नारी के अस्तित्व के कारण ही पुरुषों का वजूद है.
सलीम ने बताया : बनारस के ग्रुप सेतु सांस्कृतिक केंद्र की ओर से नाटक मंचन होगा. इसमें 30 कलाकार शामिल होंगे. किताब विमोचन कार्यक्रम में साहित्यकार भावना वर्मा ने सलीम राजा को सम्मानित किया. मौके पर प्रह्लाद चंद्र दास, नाट्य कर्मी दिलीप बैरागी, ज्योति वर्मा, राम नारायण उपाध्याय, कवियित्री उषा झा, उषा सिंह, गायक अरुण पाठक, शुभनीत भटनागर समेत कई मौजूद थे.

Next Article

Exit mobile version