आरसीएमएस: बीएंडके, ढोरी व कथारा एरिया का कार्यकर्ता सम्मेलन, राजेंद्र सिंह ने कहा धरोहरों को समाप्त करना चाह रहा केंद्र

बेरमो : आरसीएमएस (इंटक) के बीएंडके, ढोरी व कथारा एरिया का एक दिवसीय कार्यकर्ता सम्मेलन सोमवार को सीसीएल के करगली ऑफिसर्स क्लब में हुआ. इंटक के राष्ट्रीय महामंत्री और पूर्व मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि कोयला उद्योग की स्थिति काफी खराब हो गयी है. आने वाला समय और चुनौतियों से भरा होगा. केंद्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 3, 2017 11:10 AM
बेरमो : आरसीएमएस (इंटक) के बीएंडके, ढोरी व कथारा एरिया का एक दिवसीय कार्यकर्ता सम्मेलन सोमवार को सीसीएल के करगली ऑफिसर्स क्लब में हुआ. इंटक के राष्ट्रीय महामंत्री और पूर्व मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि कोयला उद्योग की स्थिति काफी खराब हो गयी है. आने वाला समय और चुनौतियों से भरा होगा. केंद्र की मोदी सरकार पूंजीपतियों व कॉरपोरेट घरानों के लिए काम कर रही है. एक चौकीदार के रूप में कोयला मजदूरों को सचेत कर रहा हूं. इंटक मजदूरों के साथ है और मरते दम तक रहेगी.

कोयला मजदूरों का एनसीडब्ल्यू एक से नौ तक में मजदूरों को जो सुविधाएं मिली, आज उसमें कटौती की जा रही है. उनके अधिकारों पर कुठाराघात किया जा रहा है. 54 हजार फिमेल वीआरएस में अब मात्र सात हजार रह गये हैं, जिसमें ग्रहण लगा हुआ है. खदानों को बंद कर मजदूरों की छंटनी की बात की जा रही है. ट्रेड यूनियनों से जुड़े लोग लड़ने को तैयार नहीं है. दसवां वेजबोर्ड को लेकर सरकार व प्रबंधन की मंशा स्पष्ट नहीं दिख रही है. हम पांचों यूनियन ने एक साथ हड़ताल का नोटिस दिया था, मामला अभी सीएलसी के यहां पेंडिंग है. डीवीसी में एक-एक कर यूनिटों को बंद किया जा रहा है. इस सरकार की मंशा कांग्रेस के समय की धरोहर को समाप्त करने की है.

सम्मेलन की अध्यक्षता गिरिजाशंकर पांडेय, संचालन श्यामल कुमार सरकार व धन्यवाद ज्ञापन प्रमोद कुमार सिंह ने किया. इससे पूर्व उपस्थित लोगों ने महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री की तसवीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. राजेंद्र सिंह ने करगली गेट स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. राकोमसं सीसीएल रीजनल कमेटी के अध्यक्ष गिरिजाशंकर पांडेय ने कहा कि आज कोयला उद्योग के राष्ट्रीयकरण पर प्रश्नचिह्न लग गया है. कोल इंडिया परिवार को यह सरकार बिखरा देना चाह रही है. राकोमसं बीएंडके एरिया के सचिव श्यामल कुमार सरकार ने कहा कि इंटक की ताकत सरकार व कोल इंडिया प्रबंधन को मालूम है. मुनाफा के बावजूद कोलकर्मियों को सालाना बोनस कम दिया गया. इंटक नेता महेंद्र कुमार विश्वकर्मा ने कहा कि श्रम कानूनों का उल्लंघन हो रहा है. मजदूर अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहे. राकोमसं कथारा एरिया सचिव वरुण कुमार सिंह ने कहा कि भाजपा की सरकार बनने के बाद मजदूर व उद्योग विरोधी कार्य हो रहे हैं. राकोमसं ढोरी एरिया सचिव शिवनंदन चौहान ने कहा कि 44 श्रम कानूनों में संशोधन किया जा रहा है. 37 खदानों को बंद कर कोयला मजदूरों की छंटनी की तैयारी चल रही है. सम्मेलन को गिरिडीह के इंटक नेता एनपी सिंह बुल्लू ने भी संबोधित किया.
चरणबद्ध आंदोलन का एलान
श्री सिंह ने कहा कि मजदूर व उद्योग विरोधी इस सरकार व कोल इंडिया प्रबंधन के खिलाफ इंटक ने पूरे देश में आंदोलन का बिगूल फूंक दिया है. जेल भी जाना पड़ा तो तैयार हूं. आंदोलन के प्रथम चरण में नौ अक्तूबर को कोल इंडिया की सभी कंपनियों में विरोध प्रदर्शन होगा. 16 से 20 अक्तूबर तक कोल इंडिया की सभी खदानों में वर्क टू रुल के तहत कामकाज होगा. 31 को इंदिरा गांधी के शहादत दिवस के दिन से तीन दिन पूरे कोयला उद्योग में रेल व रोड से होने वाले कोल डिस्पैच को ठप किया जायेगा. बावजूद इसके सरकार व प्रबंधन नहीं चेता तो छह से आठ नवंबर तक कोल इंडिया में आम हड़ताल होगी. पूरे आंदोलन में चारों यूनियनों की दूसरे पंक्ति के नेता व मजदूर साथ देंगे. मजदूर नेता भी चेत जाये, क्योंकि जब कोयला खदान व कोयला मजदूर नहीं रहेंगे तो मजदूर राजनीति कहां करेंगे.
आंदोलन में इंटक के साथ है एचएमएस : सिंह
इंटक महामंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इंटक के आंदोलन में एचएमएस भी साथ है. एटक व सीटू का भी समर्थन है. जहां तक बीएमएस का सवाल है तो बीएमएस को मैंने पहले मदद की है. अब बीएमएस को सोचना है कि उसे क्या करना है. हालांकि बीएमएस भी समझ रहा है कि मजदूरों के वेज बोर्ड मामले में वह फंस गया है. नौ अक्तूबर को ड्राफ्टिंग कमेटी की बैठक है तथा 10 को वेजबोर्ड दस पर एग्रीमेंट होना है. अब यह तीनों यूनियन को देखना है कि यह वेजबोर्ड मजदूरों के हित में है या नहीं. अगर मजदूरों के हक में यह एग्रीमेंट नहीं है तो किसी भी यूनियनको वेज एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर नहीं करना चाहिए. आखिर क्यों वेजबोर्ड के मामले को जेबीसीसीआइ की बजाय कोल इंडिया एपेक्स में भेजा गया. मजदूरों में आक्रोश है. यूनियनों के पहले कतार के नेतागण इसे समझे.

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