आचार्य श्री महाश्रमण जी के छह से आठ दिसंबर तक बोकारो में
बोकारो: अहिंसा यात्रा प्रणेता महान जैन संत आचार्य श्री महाश्रमण जी का 6, 7 व 8 दिसंबर को जैन मिलन केंद्र बोकारो जनवृत-2 मेें प्रवास होगा. आचार्य श्री कोलकाता से पदयात्रा करते हुए 30 नवंबर को पारसनाथ पधारेंगे. उसके बाद उनका झारखंड का सबसे लंबा प्रवास बोकारो में होगा. अहिंसा यात्रा का उद्देश्य नैतिकता, सद्भावना […]
बोकारो: अहिंसा यात्रा प्रणेता महान जैन संत आचार्य श्री महाश्रमण जी का 6, 7 व 8 दिसंबर को जैन मिलन केंद्र बोकारो जनवृत-2 मेें प्रवास होगा. आचार्य श्री कोलकाता से पदयात्रा करते हुए 30 नवंबर को पारसनाथ पधारेंगे. उसके बाद उनका झारखंड का सबसे लंबा प्रवास बोकारो में होगा. अहिंसा यात्रा का उद्देश्य नैतिकता, सद्भावना व नशामुक्ति का प्रचास-प्रसार करना है. आचार्य श्री महाश्रमणजी के कुशल नेतृत्व में अहिंसा यात्रा का अनुठा कार्यक्रम पिछले तीन वर्षों से चल रहा है. यह जानकारी गुरुवार को जैन मिलन केंद्र सेक्टर 2 में आचार्य श्री महाश्रमण जी प्रवास व्यवस्था समिति चास-बोकारो के व्यवस्था समिति के सचिव सिद्धार्थ पारिख ने दी.
व्यवस्था समिति के अध्यक्ष मदन मोहन चोरड़िया ने बताया : आचार्य श्री महाश्रमण जी का झारखंड प्रवेश 24 नवंबर को मैथन में होगा. अहिंसा यात्रा जाति-पाति के भेद-भाव से दूर है. किसी भी जाति, वर्ग, क्षेत्र व संप्रदाय से जुड़ा व्यक्ति संत आचार्य श्री महाश्रमण के दर्शन व प्रवचन श्रवण का लाभ उठा सकता है. छह से आठ दिसंबर के बीच जैन मिलन केंद्र सेक्टर-2 में प्रवचन प्रतिदिन सुबह 9़ 30 बजे से होगा. झारखंड सरकार ने 09 नवंबर 2017 को जारी अपने आदेश में आचार्य श्री महाश्रमण जी को राजकीय अतिथि घोषित किया है. पूरे राष्ट्र में वैज्ञानिक पद्धति से अहिंसा प्रशिक्षण के माध्यम से जन-जन के बीच अहिंसा, सद्भावना व नशामुक्ति के संस्कार अंकुरित किये जा रहे हैं.
जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्मसंघ के 11वें अनुशास्ता : बोकारो चेंबर ऑफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मनोज चौधरी ने कहा : व्यक्ति को अर्थ के साथ-साथ अध्यात्म की भी आवश्यकता होती है. इसके लिए एक महान संत चास-बोकारो की धरती पर हमारे बीच पधार रहे हैं. चेंबर इस पुनित अवसर पर अपना पूर्ण सहयोग इस कार्य के लिए देगा. समाजसेवी शिव हरी बंका ने कहा : बड़े भाग्य से ऐसे तपस्वी संतों का सान्निध्य प्राप्त होता है. सभी को मिलकर इस प्रवास को कारगर व सफल बनाना है. प्रेस प्रभारी प्रकाश कोठारी ने बताया : आचार्य श्री महाश्रमण भगवान महावीर की परंपरा में जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्मसंघ के 11वें अनुशास्ता हैं. जैन समाज के बजरंग लाल चौरड़िया, जयचंद बांठिया, सुशील बैद, अंकित चोपड़ा, चंदन बांठिया उपस्थित थे.
मारवाड़ी, गुजराती, सिख समाज का सहयोग : जैन श्वेतांबर तेरापंथ सभा के अध्यक्ष सज्जन जैन ने बताया : आचार्य श्री महाश्रमण अपनी धवल संघ के साथ अहिंसा यात्रा पर हैं. राजधानी नयी दिल्ली से शुरू हुई उनकी यात्रा ने नेपाल और भूटान जैसे पहाड़ी देशों के साथ-साथ भारत के प्रमुख राज्यों को स्पर्श करने के बाद कोलकाता में चार्तुमासिक पड़ाव सानन्द संपन्न कर लिया है. अब यह अहिंसा यात्रा झारखंड, ओड़िसा, आंध्र प्रदेश होते हुए तामिलनाडु की राजधानी चेन्नई तक जुलाई 2018 में अगले चार्तुमासिक प्रवास के लिए गतिमान रहेगी. जैन समाज के अलावा मारवाड़ी समाज, गुजराती समाज, सिख समाज व चास-बोकारो की विभिन्न संस्थाओं ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी सहभागिता सुनिश्चित की है.
आचार्य श्री माहाश्रमण जी का जीवन परिचय
जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्मसंघ के 11वें आचार्य
जन्म 13 मई, 1962 – सरदारशहर (राजस्थान)
गुरू – आचार्य श्री तुलसी व आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी
शिष्य – 850 साधु-साध्वी, समण-समणी
अनुयायी – लाखों
अहिंसा यात्रा के अंतर्गत 15,000 किलोमीटर व अभी तक 42,000 किलोमीटर की पदयात्रा