2018 में आयेंगे बंद पड़े स्कूलों के अच्छे दिन

बोकारो: बीएसएल के बंद पड़े स्कूलों के अच्छे दिन आयेंगे. बोकारो स्टील प्लांट के शिक्षा विभाग की ओर से कभी शहर में 42 स्कूलों का संचालन होता था. फिलहाल, मात्र 11 स्कूल हीं संचालित हैं. बीएसएल एलएच हाई स्कूल सहित विभिन्न सेक्टरों में 31 स्कूल बंद हैं. रख-रखाव के अभाव में बंद पड़े स्कूल के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 23, 2017 10:13 AM
बोकारो: बीएसएल के बंद पड़े स्कूलों के अच्छे दिन आयेंगे. बोकारो स्टील प्लांट के शिक्षा विभाग की ओर से कभी शहर में 42 स्कूलों का संचालन होता था. फिलहाल, मात्र 11 स्कूल हीं संचालित हैं. बीएसएल एलएच हाई स्कूल सहित विभिन्न सेक्टरों में 31 स्कूल बंद हैं. रख-रखाव के अभाव में बंद पड़े स्कूल के भवन खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं.

बंद पड़े स्कूलों के अच्छे दिन नये साल यानी वर्ष 2018 में आयेंगे. बीएसएल के बंद पड़े स्कूलों का व्यावसायिक उपयोग होगा. सेल स्तर पर यह मामला विचाराधीन है. उम्मीद है कि अगले दो-तीन माह में सेल स्तर पर इसका निर्णय हो जायेगा. साथ ही सेल की अन्य इकाईयों के गैर आवासीय भवनों का भी व्यावसायिक उपयोग करने पर सेल विचार कर रहा है.

दिसंबर 2016 में निकला था एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट : नन रेसिडेंसियल बिल्डिंग का मामला सेल के पास विचाराधीन है. बीएसएल सहित सेल की स्थिति फिलहाल ठीक नहीं है. बीएसएल सहित सेल लंबे समय से खाली पड़े आवास को लाइसेंस पर देता है, इससे राजस्व की प्राप्ति होती है. साथ हीं क्वार्टर भी मेंटेन रहता है. इसी तर्ज पर सेल खाली पड़े स्कूलों को लीज पर व्यावसायिक उपयोग के लिए देगा. इससे सेल को राजस्व की प्राप्ति होगी. साथ हीं स्कूल बिल्डिंग भी मेंटेन रहेगा. वर्ष 2018 में सेल बोर्ड स्तर पर इसका निर्णय होने की संभावना है. यहां उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2016 में एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट निकाला गया था. इसके तहत बंद पड़े स्कूलों के व्यावसायिक उपयोग की बात कही गयी थी. स्थानीय व बाहर के लोगों ने आवेदन भी दिया था.

90 के दशक में बीएसएल संचालित 42 स्कूल थे : वर्ष 1990 के दशक में विभिन्न सेक्टरों में बीएसएल संचालित 42 स्कूल थे. स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या भी बहुत थी. विद्यार्थी से स्कूल गुलजार था. स्टूडेंट्स की चहलकदमी स्कूल को जीवंत बनाती थी. शिक्षक स्कूल में गुरु कुल की अनुभूति देते थे. समय अपनी रफ्तार से चलते रहा. समय की प्रतिकूलता स्कूल पर नकारात्मक असर डालने लगा. समय की मार ने स्कूल पर ताला जड़ दिया. यहां उल्लेखनीय है कि जुलाई 2017 में बीएसएल के सीइओ पवन कुमार ने बोकारो क्लब में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में कहा था : बीएसएल के बंद पड़े स्कूल भवनों सहित सेल की अन्य इकाईयों की गैर आवासीय भवनों का व्यावसायिक उपयोग होगा. इसके लिए सेल स्तर पर योजना बनायी जा रही है.

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