प्राकृतिक पद्धति से खेती करने वाला पहला देश बनेगा भारत : वीरेंद्र सिंह

चास: किसानों के हित के लिए केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गयी है. केंद्र सरकार आजादी के बाद पहली बार कुल बजट का 42 फीसदी कृषि क्षेत्र के लिए बनाया है, ताकि आने वाले दिनों में किसानों का विकास हो.” यह कहना है भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 27, 2017 1:30 PM
चास: किसानों के हित के लिए केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गयी है. केंद्र सरकार आजादी के बाद पहली बार कुल बजट का 42 फीसदी कृषि क्षेत्र के लिए बनाया है, ताकि आने वाले दिनों में किसानों का विकास हो.” यह कहना है भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह भदोही सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त का. वह वह रविवार को इंडियन पब्लिक स्कूल चिकसिया चास में आयोजित मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में बोल रहे थे.
कहा : पैदावार बढ़ाने के लिए पूर्व की सरकारों ने हरित क्रांति शुरू की थी. इस दौरान कृषकों को उत्पादन बढ़ाने के लिए रासायनिक खाद्यों का उपयोग करने पर काफी बल दिया गया. आज इसका परिणाम अच्छा नहीं निकल रहा है. लोग असंख्य बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. इसको देखते हुए भारत सरकार ने प्राकृतिक पद्धति से खेती कराने का फैसला लिया है. इस प्रकार का प्रयोग फिलहाल भारत में ही चल रहा है. आने वाले दिनों में खेती के क्षेत्र में दुनिया के मानचित्र में सबसे आगे होगा. उन्होंने कहा : लावारिश मवेशियों के लिए चारागाह बनाने की जरूरत है, ताकि मवेशियों के गोबर से बेहतर खाद्य बनाया जा सके. यह खाद्य किसानों के लिए महत्वपूर्ण है. ऐसे भी कृषि व ऋषि इस देश की पुरानी परंपरा है.

इस परंपरा को आगे बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि खेतों में हरियाली लाने का काम सरकार राजधर्म मानकर कर रही है. श्री सिंह ने कहा : केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का फैसला लिया है. इसके तहत कई योजनाएं शुरू की गयी है. झारखंड सरकार बेहतर ढंग से कृषि नीति पर काम कर रही है. इसके लिए यहां की सरकार धन्यवाद की पात्र है.

कृषक मित्रों को शीघ्र िमलेगा मानदेय : रणधीर सिंह
राज्य के कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने कहा : सरकार की ओर से किसानों को बेहतर सुविधा मुहैया करायी जायेगी. इसके लिए सरकार की ओर से कार्य योजना बनाकर काम किया जा रहा है. सरकार की योजनाओं को किसानों तक पहुंचाने वाले कृषक मित्रों को शीघ्र ही सरकार की ओर से मानदेय दिया जायेगा. इसके लिए मंत्री मंडल की बैठक में प्रस्ताव पारित कराया जायेगा. इस दिशा में कृषि विभाग की ओर से कार्य किया जा रहा है. उन्होंने पत्रकारों से बातचित करते हुए कहा : पूर्व की सरकारों ने कृषक मित्रों पर ध्यान नहीं दिया है. मानदेय नहीं देकर सिर्फ प्रोत्साहन भत्ता दिया जा रहा था. इस कारण कृषक मित्र बेहतर ढंग से काम नहीं कर पा रहे थे. इसको देखते हुए कृषक मित्रों को मानदेय देने का फैसला कृषि विभाग की ओर से लिया गया है, ताकि किसानों को बेहतर ढंग से जागरूक कर सके.

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