18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कुपोषण उपचार केंद्र में 11 बच्चों का हो रहा इलाज

वर्ष 2023 में 120 बच्चों का हुआ इलाज

बोकारो.

चास अनुमंडल अस्पताल के एमटीसी (मालन्यूट्रिशन ट्रीटमेंट सेंटर) में मई की शुरुआत में ही 11 कुपोषित बच्चे इलाज के लिए पहुंचे हैं. एएनएम व सहिया कुपोषण से प्रभावित गांवों व आंगनबाड़ी केंद्र का भ्रमण कर रही है. सूची एकत्रित कर कुपोषित बच्चों को चास केंद्र भेजा जा रहा है. वहीं सेंटर इंचार्ज एएनएम आशा कुमारी की देखरेख में एएनएम व सहिया को कुपोषित बच्चों की पहचान के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है. वर्ष 2024 के जनवरी से अप्रैल के आंकड़ों पर नजर डालें, तो 12 बच्चों का ही इलाज हुआ. वर्ष 2023 में 120 बच्चों का इलाज हुआ.

क्या है जिले में कुपोषित बच्चों की स्थिति :

जिले में जीरो माह से 59 माह तक (पांच वर्ष में एक माह कम) के कुल बच्चों की संख्या एक लाख 72 हजार 455 है. इनमें हरी पट्टी यानी सामान्य बच्चों की संख्या एक लाख 12 हजार 250 है. पीली पट्टी (अल्पवजन) वाले बच्चे 18955 है. लाल पट्टी (अति कम वजन) के बच्चों की संख्या 1217 है. अति गंभीर कुपोषित बच्चों की संख्या जिले में फिलहाल 752 है. जिला प्रशासन की बैठक में डीसी-डीडीसी एमटीसी की समीक्षा करते हैं. कुपोषित बच्चे के उपचार को लेकर लगातार दिशा-निर्देश भी दिया जाता है. बैठक में शामिल अधिकारी सक्रियता की बात कहते हैं. बाद में मामला ठंडा पड़ जाता है.

कुपोषित होने को इन लक्ष्णों से समझें :

छह माह से पांच साल तक के बच्चों के हाथ के ऊपरी हिस्से की मोटाई करीब 115 मिमी से कम गंभीर कुपोषण है. ऐसे में प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है. कुपोषित होने पर थकान, चक्कर, वजन कम, त्वचा पर खुजली व जलन की समस्या, हृदय का ठीक से काम न करना, लटकी व बेजान त्वचा, पेट में संक्रमण, सूजन, श्वसन तंत्र संक्रमण, कमजोर प्रतिरोधक क्षमता व चिड़चिड़ापन प्रमुख लक्षण है.

बोले केंद्र प्रभारी :

कुपोषण उपचार केंद्र, चास के प्रभारी शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ रवि शेखर ने बताया कि मेरा एकमात्र लक्ष्य कुपोषित बच्चों को सुरक्षित व स्वस्थ बनाना है. सेंटर का चार्ज लेते ही मैंने सख्ती अपनाया. नतीजा सामने है. क्षेत्र के सभी कुपोषित बच्चों का उपचार किया जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें