भाई साहब, हम तो लुट ही गये आप अपने को बचा लीजिए…
एसबीआइ एडीएम भवन शाखा के पूर्व मैनेजर का लॉकर भी है टूटा बैंक में फूटा ग्राहकों का गुस्सा बोकारो. गुरुवार को एसबीआइ एडीएम भवन शाखा के खुलते ही लॉकर होल्डर्स की भीड़ पहुंची. हो-हंगामा शुरू हुआ. ग्राहकों ने जमा पूंजी की लूट के लिए सीधे तौर पर बैंक प्रबंधन को दोषी बताया. ग्राहकों ने कहा […]
एसबीआइ एडीएम भवन शाखा के पूर्व मैनेजर का लॉकर भी है टूटा
बैंक में फूटा ग्राहकों का गुस्सा
बोकारो. गुरुवार को एसबीआइ एडीएम भवन शाखा के खुलते ही लॉकर होल्डर्स की भीड़ पहुंची. हो-हंगामा शुरू हुआ. ग्राहकों ने जमा पूंजी की लूट के लिए सीधे तौर पर बैंक प्रबंधन को दोषी बताया. ग्राहकों ने कहा कि बैंक प्रबंधन की सुरक्षा नीति हर मामले में फेल है.
इसी का फायदा अपराधियों ने उठाया. अभी भी बैंक का रवैया नहीं बदला है. कई ग्राहकों ने लॉकर का बीमा कराने संबंधी जानकारी अधिकारियों से हासिल की, तो कई ग्राहकों ने पुलिस से बैंक के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के बारे में जानकारी ली. अपनी जमा पूंजी खो चुके कई लोगों ने अन्य ग्राहकों से अपना लॉकर हटाने लेने को कहा. गोपाल प्रसाद मोहंती ने कहा कि यहां से लॉकर हटा लेने में ही भलाई है. बैंक अधिकारी लॉकर के समय नियम बताते हैं, पुख्ता सुरक्षा की बात भी करते हैं. जब ऐसी घटना हो गयी तो पल्ला झाड़ रहे हैं. कई ग्राहकों ने कहा कि आरबीआइ को नियम में संशाेधन करना पड़े या प्रधानमंत्री तक बात पहुंचाना पड़े, लेकिन जमा पूंजी ऐसे बर्बाद नहीं होने देंगे.
भेजी गयी ग्राहकों को चिट्ठी
शाखा के मुख्य प्रबंधक राजीव कुमार सिंह ने बताया कि जिन लॉकरों से चाेरी हुई है, उन सभी ग्राहकों को गुरुवार को चिट्ठी भेजी गयी है. अभी तक 20 ग्राहकों ने लॉकर में जमा संपत्ति का ब्योरा दिया है. इसके अनुसार इन 20 लॉकरों से 1.9 करोड़ रुपये की संपत्ति के नुकसान का अनुमान है. कई ग्राहक शहर से बाहर हैं, इसके कारण पूरा ब्योरा नहीं है.
नॉमर्स पूरा करता है बैंक
श्री राजीव ने बताया कि बैंक सुरक्षा संबंधी आरबीआइ के सभी नॉमर्स को पूरा करता है. लॉकर के निर्माण के बाद बैंक के सुरक्षा अधिकारी के दस्ता निरीक्षण करता है. दीवार की मोटाई से लेकर, शेप से ब्रांड तक की जांच होती है. निश्चित अंतराल में निरीक्षण भी होता है. बैंक के लिए ग्राहक ही पूंजी हैं.
आरोप लगाना आसान है
कई ग्राहक चोरी कांड में बैंक की मिलीभगत की बात भी कर रहे हैं. खुलेआम इस तरह की बात हो रही है. इस बाबत श्री राजीव से पूछा गया, तो उन्होंने बताया : बैंक ग्राहकों के प्रति जवाबदेह होता है. आरोप लगाना आसान है. कोई कुछ भी कहने के लिए स्वतंत्र है. क्षतिग्रस्त लॉकर में यहां के ही पूर्व बैंक मैनेजर का भी लॉकर है. जांच में सब साफ हो जायेगी. पुलिस पर भरोसा है.