स्कूलों में पांच लाख से अधिक किताब

बोकारो: ‘ए गुड बुक हैज नो इंड : आरडी कुमिंग’. किताबों के बारे में ऐसी कई बातें हैं. और सबसे महत्वपूर्ण यह कि एक छात्र लंबे अरसे से किताब में ही जानकारी और शिक्षा का खजाना पाता है. यह सब जान कर ही बोकारो के स्कूलों ने समृद्ध लाइब्रेरी बनायी है. आश्चर्य न हो यह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 30, 2014 8:44 AM

बोकारो: ‘ए गुड बुक हैज नो इंड : आरडी कुमिंग’. किताबों के बारे में ऐसी कई बातें हैं. और सबसे महत्वपूर्ण यह कि एक छात्र लंबे अरसे से किताब में ही जानकारी और शिक्षा का खजाना पाता है.

यह सब जान कर ही बोकारो के स्कूलों ने समृद्ध लाइब्रेरी बनायी है. आश्चर्य न हो यह जानकर कि बोकारो के स्कूलों की लाइब्रेरी में पांच लाख से अधिक किताबें हैं. इनमें विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा सहित कोर्स की किताबें भी शामिल हैं. लाइब्रेरी में पांच सौ से लेकर 35 हजार रुपये तक की किताबें उपलब्ध हैं.

अधिक दिलचस्पी प्रतियोगी किताबों में : स्कूली बच्चे कोर्स से अधिक लाइब्रेरी में प्रतियोगिता की किताबें खोजते हैं-जैसे आइआइटी, मेडिकल, एनएसटीइ आदि. इसके अलावा सभी लाइब्रेरी में विभिन्न सामाचार पत्र व पत्रिकाएं भी मंगायी जाती है. कई नामी-गिरामी किताब भी लाइब्रेरी में है. लाइब्रेरी का क्लास नियमित रूप से होता है. कई बच्चे लाइब्रेरी से किताब इश्यू करा कर घर भी ले जाते हैं. क्लास 11 व 12 के स्टूडेंट्स लाइब्रेरी में में कंपिटिशन की किताब अधिक खोजते हैं, जबकि छोटे क्लास के बच्चे जीके की.

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