जल संरक्षण की महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्घाटन बीएसएल

बहिस्रावित जल को 1500 घनमीटर प्रति घंटा की दर से शुद्धीकरण कर पुन: उपयोग में लाया जायेगा औद्योगिक जल संरक्षण व प्रदूषण नियंत्रण के क्षेत्रों में बोकारो इस्पात संयंत्र की राज्य में एक बड़ी पहल परियोजना को कुल 6 करोड़ की लागत से बनाया गया है बोकारो : औद्योगिक जल संरक्षण व प्रदूषण नियंत्रण के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 18, 2018 5:02 AM

बहिस्रावित जल को 1500 घनमीटर प्रति घंटा की दर से शुद्धीकरण कर पुन: उपयोग में लाया जायेगा

औद्योगिक जल संरक्षण व प्रदूषण नियंत्रण के क्षेत्रों में बोकारो इस्पात संयंत्र की राज्य में एक बड़ी पहल
परियोजना को कुल 6 करोड़ की लागत से बनाया गया है
बोकारो : औद्योगिक जल संरक्षण व प्रदूषण नियंत्रण के क्षेत्रों में बोकारो इस्पात संयंत्र ने झारखंड राज्य में एक बड़ी पहल की है. बोकारो स्टील प्लांट की महत्वाकांक्षी शून्य बहिस्राव योजना के अंतर्गत बुधवार को संयंत्र के आउटफॉल 1 बी में वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट की परियोजना का उद्घाटन निदेशक (तकनीकी) सेल श्री रमन ने किया. इस ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से दूषित जल को 1500 घनमीटर प्रति घंटा की दर से शुद्ध कर पुन: उपयोग में लाया जा सकेगा.
जल संरक्षण की….
परियोजना को कुल 6 करोड़ की लागत से बनाया गया है. उद्घाटन के अवसर पर सीइओ बोकारो स्टील प्लांट पीके सिंह, अधिशासी निदेशक (संकार्य), अधिशासी निदेशक (सामग्री प्रबंधन), अधिशासी निदेशक (वित्त एवं लेखा), अधिशासी निदेशक (परियोजनाएं), महाप्रबंधकगण व जल प्रबंधन विभाग व पर्यावरण नियंत्रण विभाग के वरीय अधिकारी मौजूद थे.
शोधित पानी कूलिंग पौंड -1 में पुन: इस्तेमाल के लिए भेजा जा रहा है : बोकारो स्टील प्लांट की यह परियोजना पर्यावरण की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है. इसके तहत संयंत्र से बाहर जाने वाले पानी पर तो नियंत्रण होगा ही, इसका पुन: उपयोग जल संरक्षण के दृष्टिकोण से भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा. ट्रीटमेंट प्लांट की ओर से पानी के शुद्धिकरण का कार्य शुरू कर दिया गया है. शोधित पानी कूलिंग पौंड -1 में पुन: इस्तेमाल के लिए भेजा जा रहा है.
4500 घनमीटर प्रति घंटा की दर से पानी का शोधन किया जा सकेगा : गौरतलब है कि संयंत्र के आउटफॉल 2 बी में पहले ही 500 घनमीटर प्रति घंटा की दर से पानी का शुद्धिकरण किया जा रहा है. निकट भविष्य में 2 ए व 1 ए में भी परियोजनाओं की शुरुआत हो जायेगी. कुल मिलाकर इस परियोजना के माध्यम से 4500 घनमीटर प्रति घंटा की दर से पानी का शोधन किया जा सकेगा.

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