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सरकार ! कैसे दोगुनी होगी किसानों की आय

बोकारो जिला में नहीं है एक भी कोल्ड स्टोरेज औने-पौने दाम में किसान बेच रहे हैं फसल सीपी सिंह बोकारो : केंद्र सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की योजना बना रखी है. इसके तहत बुनियादी सुविधा से लेकर आधुनिक सेवा बहाल करने की योजना है. लक्ष्य तक पहुंचने के लिए सरकार […]

बोकारो जिला में नहीं है एक भी कोल्ड स्टोरेज
औने-पौने दाम में किसान बेच रहे हैं फसल
सीपी सिंह
बोकारो : केंद्र सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की योजना बना रखी है. इसके तहत बुनियादी सुविधा से लेकर आधुनिक सेवा बहाल करने की योजना है. लक्ष्य तक पहुंचने के लिए सरकार के पास चार साल से भी कम समय शेष रह गया है. किसानों के लिए अनाज प्रबंधन जरूरी हिस्सा है. इससे अनाज की सुरक्षा व सही कीमत मिलने की संभावना ज्यादा रहती है. लेकिन, योजना की सफलता को लेकर बोकारो की रफ्तार धीमी है. जिला में एक भी कोल्ड स्टोरेज नहीं है. इसका खामियाजा जिला के किसानों को उठाना पड़ रहा है.
1976 से बाजार समिति में बन रहा है कोल्ड स्टोरेज : एकीकृत बिहार के समय बोकारो में कोल्ड स्टोरेज बनाने की शुरुआत की गयी थी. 1976-77 में चास स्थित बाजार समिति में कोल्ड स्टोरेज की नींव रखी गयी थी, जो वर्तमान में भी अधूरा है. प्रशासनिक उदासीनता के कारण चास कृषि बाजार समिति परिसर में 31 वर्ष पूर्व लाखों की लागत से बन रहा कोल्ड स्टोरेज आज तक पूरा नहीं हुआ. गौरतलब है कि बिस्कोमान पटना द्वारा 1.33 एकड़ भूमि में कोल्ड स्टोरेज का निर्माण कार्य बाजार समिति परिसर में शुरू कराया गया था. उस समय इसकी प्राक्कलित राशि 40 लाख रुपये थी.
साप्ताहिक हटिया पर निर्भर हैं किसान
बोकारो के पेटरवार व कसमार क्षेत्र की पहचान सब्जी उत्पादक के रूप में होती है. बोकारो शहर समेत फुसरो की सब्जी खपत का एक चौथाई हिस्सा यहीं से प्राप्त होता है. किसान आस-पास के क्षेत्र में लगने वाली साप्ताहिक हटिया में सब्जी बेचने को मजबूर होते हैं, तो साधन संपन्न किसान रामगढ़ जिला के गोला स्थित कोल्ड स्टोरेज की ओर रुख करते हैं
.
चंद्रपुरा, तेलो, तांतरी के किसान मुख्य रूप से डेली उगाओ-डेली बेचो के सिद्धांत पर काम करते हैं. मजबूरन किसानों को साग-सब्जी औने-पौने दाम में बेचना पड़ता है. पिछले साल ही किसानों को एक रुपया के भाव से टमाटर बेचना पड़ा था. वहीं चंदनकियारी क्षेत्र में बगुला पंचायत स्थित बांसगाही की मंडी में दुकान सजती है.
बिन बिजली सब सूना
कोल्ड स्टोरेज के लिए बोकारो में समस्या भी कम नहीं मसलन कोल्ड स्टोरेज के लिए 24 घंटे निर्बाध बिजली की जरूरत होती है. बोकारो में कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है, जहां 24 घंटे बिजली रहे. इसी वजह से सब्सिडी मिलने के बाद भी लोग कोल्ड स्टोरेज निर्माण की ओर आगे नहीं बढ़ रहे हैं. जिला में 33 हजार हेक्टेयर में धान व 11 हजार हेक्टेयर में गेंहू की खेती होती है. वहीं 15-20 हजार हेक्टेयर में सब्जी की खेती होती है. कोल्ड स्टोरेज की सबसे ज्यादा जरूरत सब्जी की खेती में ही होती है.
कोल्ड स्टोरेज के निर्माण के लिए विभाग पहल कर रहा है. इस साल के बजट में भी कृषि क्षेत्र में विशेष ध्यान दिया गया है. निश्चित तौर पर कोल्ड स्टोरेज होने का लाभ किसानों को मिलता है. बिजली की समस्या के कारण भी इस दिशा में लोग रुचि नहीं ले रहे हैं. सरकार कोल्ड स्टोरेज निर्माण के लिए सब्सिडी भी देती है.
राजीव कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी

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