इमरजेंसी ड्यूटी में मुस्तैद रहे चिकित्सक, ओपीडी रहा खाली
144 अस्पतालों में मिली 70 लोगों को इमरजेंसी सेवाप्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरीJayant Chaudhary: क्या है ऑरवेलियन-1984, जिसका मंत्री जयंत चौधरी ने किया है जिक्रJustice Yashwant Varma Case: कैसे हटाए जा सकते हैं सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जज?Spies In Mauryan Dynasty : मौर्य काल से ही चल रही है ‘रेकी’ की परंपरा, आज हो […]
144 अस्पतालों में मिली 70 लोगों को इमरजेंसी सेवा
बोकारो : जिले के 144 सरकारी अस्पतालों के 91 सरकारी चिकित्सकों (नियमित व अनुबंधित) ने सोमवार को कार्य बहिष्कार किया. सभी अस्पतालों में केवल इमरजेंसी सेवा जैसी सुविधा प्रदान की गयी. चिकित्सक कार्यस्थल पर पहुंचे. लेकिन मरीजों की जांच किये बिना सुबह से शाम तक बैठे रहे. झासा (झारखंड हेल्थ सर्विसेस एसोसिएशन) के अध्यक्ष डॉ एके सिंह व कार्यकारी अध्यक्ष डॉ अर्जुन प्रसाद ने कहा : जामताड़ा के सिविल सर्जन डॉ साहा व डॉ जयंत के साथ हुई घटना को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. दोनों मामले में दोषियों पर एफआइआर तक करायी गयी.
अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. प्रशासन अविलंब कार्रवाई करते हुए दोषी को जेल भेजे. झारखंड में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं होने से चिकित्सकों के साथ दुर्व्यवहार जैसी घटनाएं बढ़ी है, जो समाज के लिए भी चिंता का विषय है. मौके पर जिला प्रवक्ता डॉ निकेत चौधरी, डॉ एचडी सिंह, डॉ अरुण कुमार, डॉ राज कुमार दास, डॉ कुमारी रजनी, डॉ शिखा, डॉ बीपी गुप्ता, डॉ राजश्री रानी आदि मौजूद थे.
70 मरीजों को मिला इमरजेंसी सेवा का लाभ : जिले के 144 सरकारी अस्पतालों में रोजाना लगभग 4850 मरीजों की जांच ओपीडी में चिकित्सक करते हैं. सीएस डॉ एस मुर्मू ने बताया कि सोमवार को कार्य बहिष्कार के दौरान जिले भर में लगभग 70 से अधिक मरीजों को सुबह से शाम तक इमरजेंसी सेवा प्रदान की गयी. सदर अस्पताल में इमरजेंसी सेवा के लिए एक चिकित्सक व चार परिचारिकाएं तैनात की गयी थी. इस दौरान बुखार से पीड़ित, कुत्ता काट लेने की शिकायत लेकर लोग पहुंचे. उनका इलाज किया गया. इधर, निबंधन काउंटर व दवा काउंटर खाली रहे. कार्य बहिष्कार की जानकारी होने के कारण मरीज भी इक्का-दुक्का ही आये. इलाजरत मरीज के परिजन ही दिखाई पड़े
आइएमए चास ने घटना को बताया निंदनीय
इधर, आइएमए चास ने एक बयान जारी कर घटना को निंदनीय बताया है. साथ ही दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की है. निंदा करने वालों में आइएमए के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ बीके पंकज, आइएमए चास अध्यक्ष डॉ अमन श्रीवास्तव, सचिव डॉ रणवीर कुमार सिंह, डॉ मिथिलेश कुमार, डॉ रणधीर कुमार सिंह, डॉ अनुराग श्रीवास्तव, डॉ संगीत कुमार, डॉ मीता सिन्हा, डॉ अनु प्रिया, डॉ मनोज श्रीवास्तव, डॉ अवनिश श्रीवास्तव, डॉ विकास कुमार, डॉ सुधीर कुमार गुप्ता, डॉ सुजीत कुमार सिंह, डॉ आलोक आदि शामिल हैं.