19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मेडिकल में प्रवेश परीक्षा के लिए पर्सेंटेज नहीं पर्सेंटाइल को समझें

बोकारो : नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) मेडिकल एंट्रेंस 2018 की परीक्षा पांच मई को होने जा रही है. इस परीक्षा के लिए कुछ ही दिन का समय बाकी है. परीक्षार्थियों के मन में तैयारी करने के साथ-साथ इस बात को हलचल चलती रही है कि मैं परीक्षा में कितने अंक ला पाऊंगा. इस […]

बोकारो : नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) मेडिकल एंट्रेंस 2018 की परीक्षा पांच मई को होने जा रही है. इस परीक्षा के लिए कुछ ही दिन का समय बाकी है. परीक्षार्थियों के मन में तैयारी करने के साथ-साथ इस बात को हलचल चलती रही है कि मैं परीक्षा में कितने अंक ला पाऊंगा. इस वजह से उनकी तैयारी पर भी असर पड़ता है. उन्हें यह समझने की जरूरत है कि मेडिकल के लिए पर्सेंटेज नहीं पर्सेंटाइल को समझने की जरूरत है. जहां पहले उम्मीदवार को एडमिशन के लिए 50 फीसदी अंक हासिल करने होते थे, वहीं अब उम्मीदवार 20 फीसदी अंक हासिल करके भी दाखिला ले सकते हैं.
पिछले दो सालों से नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट में फिजिक्स में पांच फीसदी, केमिस्ट्री में 10 फीसदी से कम और बायोलॉजी में 20 फीसदी अंक लानेवाले उम्मीदवारों को भी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश मिल रहा है.
एडमिशन के लिए चाहिए 18 प्रतिशत : एक रिपोर्ट के अनुसार नीट की अनिवार्यता के पहले एडमिशन की कट ऑफ 50 फीसदी (जनरल केटेगरी) और 40 फीसदी (आरक्षित केटेगरी) तक जाती थी और उसके आधार पर एडमिशन होता था. अब ऐसा नहीं है. नीट में 18 से 20 फीसदी अंक लानेवाले उम्मीदवार भी एडमिशन ले पाते हैं. ऐसा संभव हुआ है पर्सेंटाइल की वजह से.
ब्लाइंड रिस्क न लें : चूंकि परीक्षा नजदीक है इसलिए परीक्षार्थी इस बात को समझ लें कि उत्तर देने के दौरान ब्लाइंड रिस्क न लें. यदि किसी सवाल के दो अॉप्शन भी समझ अा रहे हैं, तब भी अंदाज से उसे न चुनें. अक्सर विद्यार्थी कहते हैं कि अोएमअार शीट खाली लग रही थी, इसलिए अाखिर में अंदाजे से टिक कर दिया. अच्छा स्कोर करने वाले विद्यार्थी भी ऐसी गलती हर जाते हैं, जिससे उन्हें बचना चाहिए.
क्या है पर्सेंटाइल
पर्सेंटाइल पर्सेंटेज से अलग होता है. यह अंकों पर नहीं, बल्कि अनुपात पर आधारित होता है. 50 पर्सेंटाइल का मतलब यह नहीं है कि आपको 50 फीसदी अंक प्राप्त हुए हैं. यहां 50 पर्सेंटाइल का मतलब हुआ नीचे से सबसे कम अंक पाने वाले आधे बच्चों के अलावा बाकी परीक्षार्थी. अपनी पर्सेंटाइल जानने के लिए उम्मीदवार को अपने नंबर में टॉपर के अंक का भाग देना होगा और उसे 100 से गुणा करना होगा जो रिजल्ट आयेगा वह आपका पर्सेंटाइल होगा. दरअसल पहले 50 फीसदी अंक लाने आवश्यक होते थे, जिसके लिए उम्मीदवारों को 720 अंकों में से 360 अंक लाने होते थे. लेकिन अब उम्मीदवारों को 50 पर्सेंटाइल नंबर के लिए 720 में से सिर्फ 145 अंक ही लाने होते हैं, जो कि सिर्फ 20 फीसदी है. इसलिए नीट में 18 से 20 फीसदी अंक लाकर भी नामांकन लिया जा सकता है.
इन बातों का रखें ध्यान
टॉपिक और विषयवार रिवीजन पर ध्यान दें. सिर्फ महत्वपूर्ण टॉपिक पर ध्यान दें.
टाइम टेबल अनिवार्य रूप से बनाएं. इससे सभी विषयों को पढ़ने के लिए अलग-अलग समय निर्धारित हो जायेगा.
हर दिन सभी विषयों की पढ़ाई करें. किसी भी विषय को एक दिन छोड़कर न पढ़ें.
पर्याप्त नींद लें और खुद को तरोताजा रखने के लिए मॉर्निंग वॉक करें. हल्का और सुपाच्य भोजन करें.
पेपर पढ़ने के बाद समय प्रबंधन कर लें. सरल प्रश्नों को पहले हल करें. कठिन प्रश्नों को अंत में हल करने का प्रयास करें.
जिस प्रश्न का उत्तर नहीं आता हो उस पर तुक्का न लगायें. निगेटिव मार्किंग होने के कारण यह नंबर बढ़ाने के बजाय घटा सकता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें