बोकारो : तीन माह में बोकारो जिले में मलेरिया के 65 मरीज मिले! स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की माने तो तीन माह (जनवरी से मार्च 2018) नौ प्रखंडों में रहने वाले 40,059 लोगों की मलेरिया जांच हुई. इसमें 65 मरीज में ही मलेरिया के लक्षण मिले.
सभी मरीजों को बचाव के लिए दवा, मच्छरदानी दी गयी है. जिले में मलेरिया से सबसे ज्यादा प्रभावित प्रखंड गोमिया, कसमार, बेरमो, पेटरवार व नावाडीह है. इन प्रखंड के दर्जनों गांवों में सालों भर मलेरिया का प्रकोप रहता है. इन क्षेत्रों में बुखार से लोगों के मरने की खबर भी आती है. मलेरिया विभाग के आंकड़ों में पिछले दो वर्ष में एक भी मलेरिया मरीज की मौत नहीं हुई है.
विभाग ने बांटा चार लाख तीन हजार 737 मच्छरदानी
मलेरिया के बचाव के लिए वर्ष 2018 में मलेरिया विभाग की ओर से चार लाख तीन हजार 737 मच्छरदानी का वितरण किया गया. वर्ष 2017 (जनवरी से दिसंबर तक) में नौ प्रखंडों में रहन वाले दो लाख 38 हजार 303 लोगों के रक्त के नमूने जांच के लिए लिये गये. जांच के बाद पाया गया कि 1077 लोगों में मलेरिया के लक्षण पाये गये हैं. इसमें सबसे अधिक चास प्रखंड में 327 मरीज मिले. जबकि मलेरिया प्रभावित क्षेत्र गोमिया में 226, नावाडीह में 251, कसमार में 66, पेटरवार में 75 व बेरमो में 66 मरीज मिले. इन क्षेत्रों में मलेरिया का प्रकोप लगातार बना रहता है. बचाव दल लगातार क्षेत्र में भ्रमण करते हैं.
मलेरिया के लक्षण
तेज बुखार आना, ठंड लगना, तेज सिर दर्द, पूरे शरीर में दर्द, उल्टियां आना, कमजोरी महसूस करना, भूख न लगना, खून की कमी, ब्लड में प्लेट्लेट्स का बहुत कम हो जाना, शरीर पर लाल रंग के निशान पड़ना.
बचाव
कूलर का पानी बदलते रहें. घर के आस पास गड्ढे मे पानी न भरने दें, किचन में सभी बर्तनों को खाली करके उल्टा करके रखें, बाल्टी हो या ड्रम, घर में किसी भी चीज में पानी जमा न होने दें, पूरी बाजू वाले कपड़े ही पहनें, रात को मच्छरदानी लगा कर सोयें, घर में कीटनाशक का छिड़काव करें, किसी जगह गंदगी न जमा होने दें, बर्तन इस्तेमाल करने से पहले अच्छी तरह धो लें, ताकि अगर मच्छर के अंडे मौजूद हों तो वो साफ हो जायें.