महज चिलम के लिए कर दिया बच्‍ची का खून, जानिये कोर्ट ने दी क्‍या सजा

बोकारो : बालीडीह थाना क्षेत्र के कुर्मीडीह में मनोज प्रसाद के घर में घुस कर उनकी 13 वर्षीय पुत्री कोमल कुमारी की हत्या मामले में दिलीप कुमार को मंगलवार को कोर्ट ने सजा सुनायी. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम रंजीत कुमार की अदालत ने भादवि की धारा 302 में आजीवन सश्रम कारावास, दस हजार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 16, 2018 6:44 AM

बोकारो : बालीडीह थाना क्षेत्र के कुर्मीडीह में मनोज प्रसाद के घर में घुस कर उनकी 13 वर्षीय पुत्री कोमल कुमारी की हत्या मामले में दिलीप कुमार को मंगलवार को कोर्ट ने सजा सुनायी. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम रंजीत कुमार की अदालत ने भादवि की धारा 302 में आजीवन सश्रम कारावास, दस हजार रुपया जुर्माना, धारा 307 में पांच वर्ष सश्रम कारावास व पांच हजार जुर्माना, धारा 324 व 452 में तीन-तीन वर्ष सश्रम कारावास व पांच-पांच हजार जुर्माना की सजा सुनायी. विशेष लोक अभियोजक राकेश कुमार राय ने अदालत में साक्ष्य व गवाह प्रस्तुत किये.

चिलम लेने आये थे आरोपी, मार दी गुप्ती

घटना 22 मई 2009 की रात में हुई थी. प्राथमिकी मनोज के बयान पर दर्ज की गयी थी. उन्होंने कहा था कि काम-काज से लौटने के बाद वह रात साढ़े दस बजे घर में खाना खा रहे थे. इसी दौरान दिलीप रविदास दो नाबालिग साथियों के साथ आया और आवाज दी. पत्नी तीसी देवी ने दरवाजा खोला तो उनलोगों ने चिलम मांगा. पत्नी ने कहा कि यह चिलम की दुकान नहीं है. चिलम लेना है तो दुकान पर जाएं.
इसी बात पर आक्रोशित होकर तीनों घर में घुस गये और पत्नी के साथ लड़ाई-झगड़ा करने लगे. हंगामा सुन कर वह बाहर आया तो उसके साथ भी मारपीट की. पिता सुखदेव प्रसाद ने बीच-बचाव किया तो उन पर भी जानलेवा हमला कर दिया. इसी बीच 13 वर्षीय पुत्री कोमल बीच-बचाव करने आयी तो दिलीप रविदास के एक नाबालिग सहयोगी ने गुप्ती से वार कर दिया. आस-पड़ोस के लोग आये तो सभी आरोपी भाग गये. स्थानीय लोगों ने घटना की सूचना बालीडीह थाना पुलिस को दी. पुलिस ने उन सभी को जैनामोड़ स्थित सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया. यहां चिकित्सकों ने कोमल को मृत घोषित कर दिया गया. इस घटना में शामिल दो नाबालिग युवकों को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड द्वारा पहले ही दोषी करार देकर सजा सुनायी जा चुकी है.

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