VIDEO : सिल्ली में ””हम साथ साथ हैं”” और गोमिया में ””हम आपके हैं कौन”” : योगेन्द्र प्रसाद महतो
-यह गठबंधन है या लठबंधन गोमिया उपचुनाव में मुकाबला त्रिकोणीय है. भारतीय जनता पार्टी, आजसू और जेएमएम के प्रत्याशी मैदान में हैं. जेएमएम की उम्मीदवार बबीता देवी के पति योगेन्द्र प्रसाद महतो इस क्षेत्र के पूर्व विधायक रहे हैं. प्रभात खबर डॉट कॉम की लाइव टीम ने उनसे विशेष बातचीत की. इस बातचीत में उन्होंने […]
-यह गठबंधन है या लठबंधन
गोमिया उपचुनाव में मुकाबला त्रिकोणीय है. भारतीय जनता पार्टी, आजसू और जेएमएम के प्रत्याशी मैदान में हैं. जेएमएम की उम्मीदवार बबीता देवी के पति योगेन्द्र प्रसाद महतो इस क्षेत्र के पूर्व विधायक रहे हैं. प्रभात खबर डॉट कॉम की लाइव टीम ने उनसे विशेष बातचीत की. इस बातचीत में उन्होंने कई सवालों के जवाब दिये जिसमें यह भी बताया कि क्यों उन्होंने उम्मीदवार के रूप में अपनी पत्नी पर भरोसा जताया. पढ़ें पूरी बातचीत
आपको सजा हुई विधायकी चली गयी. विरोधी पार्टियां आपके इसी फैसले पर प्रचार कर रही है, क्या कहेंगे ?
31 जनवरी को एसडीएम कोर्ट ने फैसला सुनाया. 10 दिनों के बाद शनिवार के दिन विधानसभा अध्यक्ष ने आनन फानन में हमारी सदस्यता रद्द करने का फैसला कर दिया. हमें अपील करने का मौका नहीं मिला. 19 तारीख को हमारी सजा पर रोक लगा दी गयी. हमारे मामले में कहीं ना कहीं दम था तभी रोक लगायी है. प्रशासन की तरफ से दबाव दिया गया. अदालत में झूठे सबूत झूठे गवाह पेश किये गये. पुलिस प्रशासन की भी मिलीभगत से यह फैसला लिया. मेरी सजा पर रोक लग गयी लेकिन तबतक सदस्यता जा चुकी थी. हमने राज्यपाल से विधानसभा अध्यक्ष स से गुहार लगायी लेकिन किसी ने नहीं सुना.
क्या आपने इतना काम किया है कि पार्टी की दोबारा वापसी होगी ?
मैंने तीन साल बनाम तीस साल पर एक किताब जारी की है. मैंने सिर्फ विकास के लिए काम किया है. पहले शत्रु राम महतो पांच बार विधायक रहे. माधव लाल सिंह चार बार विधायक रहे परिवहन मंत्री रहे. दोनों ने मिलकर 45 साल तक काम किया. उसके बाद भी 30 फीसद गांव में बिजली नहीं. कसमार प्रखंड के पाड़ी में बिजली नहीं था यह आजसू प्रत्याशी लंबोदर महतो का गांव है. कई गांव ऐसे हैं जहां बिजली नहीं थी इन गांवों तक बिजली पहुंचा दी.
योगेन्द्र प्रसाद महतो को पूरे विपक्ष की क्या जरूरत पड़ी ?
यह विचारधारा की लड़ाई है. सरकार जनविरोधी काम कर रही है उसे रोकने की कोशिश है. भाजपा का केंद्रीय स्तर पर 57 लोगों के साथ गठबंधन है. आपको आजसू ने इतनी चुनौती दी दूसरी पार्टी रहती तो अलग हो जाती है. सिल्ली में हम साथ – साथ हैं और गोमिया में हम आपके हैं कौन यह कैसा गठबंधन या लठबंधन है. हम सरकार विरोधी नीतियों को मिलकर रोकेंगे.
इस गठबंधन का आपको फायदा होगा या नुकसान
यहां जो येदूवंशी समाज है जिसने राजनीति के स्वस्थ परंपरा स्थापित की है. यहां एक महीने पहले से तय कर लिया गया कि हम बबीता को वोट देंगे. हम जीत को लेकर आश्वस्त हैं. 2014 में हम 98 हजार वोट लेकर आये क्या बाकि उम्मीदवारों का जमानत बचेगा
अगर आपकी उम्मीदवार जीत कर आयी तो क्या करेंगे ?
सरकार की जनविरोधी नीतियों को लागू होने नहीं देंगे. सरकार जमीन लूटना चाहेगी तो हम उसे होने नहीं देंगे. सरकार का यह निर्णय कागजों तक सीमित रह जाएं लेकिन उसे धरातल पर नहीं उतरने देंगे. गोमिया में शिक्षा, स्वास्थ,पेयजल जैसे कई मुद्दे हैं. पहले सामान्य ज्ञान का एक सवाल आता था झारखंड में कोई सा ऐसा जगह है जहां डिग्री कॉलेज नहीं है नाम गोमिया का आता था. हमने काम किया और जल्द ही यह सौगात जनता को मिलने वाली है. इसके बाद प्लस टू विद्यालय पर काम किया. कई पंचायत में विद्यालय नहीं थे हमने काम किया. अभी शिक्षा के क्षेत्र में कई काम किये हैं. माधवलाल जी डिग्री कॉलेज चला रहे हैं वह अनुदानित है. वह कर्मचारियों का दोहन करते थे. बच्चों से अनाब सनाब पैसे लेते थे. उनकी दुकानदारी चल रही थी हमने बंद कराया.
महिला उम्मीदवार है क्या महिला वोट उन्हें मिलेगा ?
हमारा इतिहास रहा है जब- जब समाज में अत्याचार बढ़ा है नारी शक्ति का अवतार हुआ है. इस बार भी आयी है असूरों का वश करेगी. असूर मतलब आजसू और भाजपा के जनविरोधी फैसले हैं. हमने 230 किमी सड़क निर्माण कराया है . चंद्रप्रकाश चौधरी को अपने विभाग की भी जानकारी नहीं है. 2005 से अबतक हैं मुझे पता नहीं है आगे रहेंगे या नहीं . डीएमएफटी फंड का गठन 2015 में हुआ 1000 करोड़ रुपये मिला जिसमें इस क्षेत्र के लिए 400 करोड़ रुपये मिले. कई जलापूर्ति योजना की अनुशंसा की और इसकी स्वीकृति मिल गयी है. डीएमएफटी फंड का मुखिया डीसी होता है . इन योजनाओं के माध्यम से जनता को दिगभ्रमित करने की कोशिश है. जबकि 2016-17 के मूलबजट का 400 करोड़ रुपया वापस चला गया यह गलत है . अगर ऐसा कर रहे हैं तो उन्हें त्यागपत्र दे देना चाहिए.
क्या गोमिया और सिल्ली में सिर्फ दोनों विधायकों की पत्नियां ही सबसे योग्य उम्मीदवार थी पार्टी का कोई और कार्यकर्ता क्यों नहीं ?
पूर्व विधायक की पत्नियां लड़ रही है किसी ने नहीं सोचा था कि चुनाव होगा. राजनीति सेवा का मंच है. विधायक हम इसलिए बनते हैं कि जनता की समस्या दूर कर सकेंगे. हम पर दवाब था कि राजनीति की बागडोर किसे थे. किसी मामले पर वह फिसले नहीं, हमारे दिशानिर्देश पर चले. हमें विश्वास है कि वह हमारे नक्शेकदम पर चले. वह जनता के हित में काम करेगी. स्वास्थ पर माधव लाल जी से सवाल कीजिए. यहां बगल में 350 करोड़ का बिल्डिंग बना है.विधानसभा में हमने सवाल किया सरकार ने झुठ कहा कि हम इसे मार्च 2018 में चालू कर देंगे. अबतक चालू नहीं हुआ. माधव लाल के भतीजे ठेकेदारी करने के लिए सीमेंट रखा है. गोमिया विधानसभा में उपस्वास्थ केंद्र स्वास्थ केंद्र 51 है और सिर्फ 16 डॉक्टर है. सरकार ने जवाब दिया उपल्बधता के आधार डॉक्टर देंगे. अंग्रेज जब देश छोड़ रहे थे तो झूठ बोलने की किताब गिर गयी वही किताब मोदी और दास जी ने पढ़ ली.
क्या यहां रोजगार के अवसर हैं ?
यहां सिर्फ दो कंपनियां है. बिहार के समय विभागिय संकल्प तैयार हुआ था जिसमें कहा गया है कि जिसकी जमीन या एक कमरे का घर जाता है तो नौकरी देंगे. अबतक विस्थापितों को नौकरी नहीं मिल रही है. अगर हम आंदोलन करते हैं तो 353 लग जाता है. सरकार उद्योगपतियों को दामाद की तरह मानती है. सरकार से रोजगार की उम्मीद करना बेमानी होगी. झुमरा में कुटीर उद्योग के रूप में काम शुरू किये जा सकते हैं. आज भी वहां महिलाएं दतून और पत्ता बेच रही है.
सवाल- प्रचार कितनी देर तक चल रहा है ?
जवाब- जनता जब तक बुलाती, जागती रहती है तब तक हम जाते हैं. प्रचार देर रात तक चल रहा है. इसके लिए कोई समय तय नहीं है.